नई दिल्ली। मुंडियाल दा साउद संगठन (ओएमएस) के निदेशक ने घोषणा की है कि वह कोविड-19 और नाइवेल ग्लोबल के लिए एक उभरती हुई वैश्विक कंपनी है, जो आपात स्थिति की अनुशंसा करती है। “कोई अंतिम नहीं, आपात स्थिति आयोग और ओएमएस समय चिंता का विश्लेषण करता है, श्रृंखला पर विचार करता है और चिंता के खतरे को कम करने की गति पर विचार करता है। ऑनटेम, कॉमिट डे इमर्जेंसिया रीयूनियू-से पेला 15.ª वेज़ ए रेकमेंडौ-मे कुए डिक्लेयर ओ फिम डा इमर्जेंशिया ग्लोबल। आप ऐसा करते हैं", इस बात की पुष्टि करते हैं कि टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसुस इम्प्रेन्शिया डे इम्प्रेन्सा।
भारत में सक्रिय और नए मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को बीते 24 घंटे में 3,611 नए मामले सामने आए। जबकि यह आंकड़ा गुरुवार को 3,962 था। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या 36,244 से घटकर 33,232 रह गए हैं।
वहीं, महामारी से ठीक होने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। 4,43,99,415 लोगों ने कोरोना महामारी से जंग जीत ली है। सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि शुक्रवार को 36 मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,31,642 हो गई है। वहीं, मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत, जबकि रिकवरी दर 98.74 प्रतिशत दर्ज की गई।
कोरोना मामले की कुल संख्या 4.49 करोड़ यानी 4,49,64,289 दर्ज की गई है। मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामले अब कुल संक्रमणों का मात्र 0.7 प्रतिशत रह गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में अब तक कोविड टीके की 220.66 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।
भारत में 1,300 से ज्यादा नमूनों में कोरोना के स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ का उपस्वरूप ‘एक्सबीबी2.3’ पाया गया है। अब भी एक्सबीबी.1.16 प्रकार के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ‘इंडियन सार्स-सीओवी-2 जेनोमिक्स कन्सोर्टियम’ (INSACOG) के आंकड़ों के मुताबिक, 24 राज्यों से लिए गए नमूनों में एक्सबीबी2.3 पाया गया है।
इसके मुताबिक, गुजरात में सबसे ज्यादा 307 नमूनों में संक्रमण का यह स्वरूप पाया गया है। दिल्ली के 183 नमूनों, कर्नाटक के 178 नमूनों और महाराष्ट्र के 164 नमूनों में एक्सबीबी2.3 पाया गया है। एक्सबीबी1.16 उपस्वरूप मध्य भारत के 91.7 फीसदी नमूनों में मिला है। पूर्वोत्तर के 100 प्रतिशत नमूनों में, उत्तर भारत के 52.8 फीसदी, पूर्वी भारत के 50 प्रतिशत, दक्षिण भारत के 75 फीसदी और पश्चिम भारत के 67.1 प्रतिशत नमूनों में यह उपस्वरूप मिला है।