WHO ने कोरोना के बढ़ते ट्रांसमिशन दर पर जताई चिंता, दिसंबर 1 तक 236,000 मौत होने की आशंका
वैक्सीन के प्रभाव में कमी का सुझाव आने पर कुछ यूरोपीय देशों ने पहले से ही सबसे कमजोर आबादी का बूस्टर डोज के साथ टीकाकरण शुरू कर दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को यूरोप में कोरोना के बढ़ते ट्रांसमिशन दर पर चिंता जताई है. कोपनहेगन में प्रेस कांफ्रेंस से बात करते हुए एजेंसी के यूरोप डायरेक्टर हैंस क्लेग ने कहा, "पिछले सप्ताह, क्षेत्र में मौत की संख्या में 11 फीसद की बढ़ोतरी थी- एक विश्वसनीय अनुमान यूरोप में दिसंबर 1 तक 236,000 मौत होने का है." अब तक यूरोप में महामारी की शुरुआत से कोरोना के चलते करीब 1.3 मिलियन मौत दर्ज की जा चुकी है.
यूरोप में कोरोना से मौत क्यों बढ़नेवाली है?
एजेंसी के यूरोप प्रमुख ने विस्तार से बताया कि इसके पीछे तीन फैक्टर हैं- उच्च ट्रांसमिशन दर, धीमा टीकाकरण और पाबंदियों में दी गई ढील. उन्होंने बताया कि यूरोप के 53 सदस्य देशों में से 33 में संक्रमण दर पिछले दो सप्ताह में 10 फीसद से ज्यादा थी, बड़े पैमाने पर अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएन्ट के कारण. वायरस का तेज प्रसार 'बेहद चिंताजनक है, विशेषकर कई देशों में प्राथमिकता ग्रुप में धीमा टीकाकरण के मद्देनजर'. उन्होंने बताया, "पिछले छह सप्ताह में कुछ देशों में वैक्सीन की कमी और दूसरों में वैक्सीन स्वीकार्यता की कमी से प्रभावित ये 14 फीसद तक कम हो गया है."
हालांकि, यूरोप की करीब आधी आबादी का पूरी तरह टीकाकरण किया जा चुका है, लेकिन डोज लगवानेवालों लोगों की संख्या धीमी हो गई है. टीकाकरण की दर गरीब यूरोपीय देशों में कम है, कुछ ने तो हेल्थकेयर वर्कर्स की करीब 10 फीसद संख्या को वैक्सीन लगवाने में सक्षम हुआ है. पाबंदियों में ढिलाई और लोगों की विदेश यात्रा में बढ़ोतरी ने भी वायरस के प्रसार में योगदान किया है.
वैक्सीन के बूस्टर डोज पर WHO की राय
यूरोप प्रमुख ने कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक पर कहा, "वैक्सीन का तीसरा डोज किसी से छीना हुआ लग्जरी बूस्टर नहीं है जो अभी भी पहली डोज का इंतजार कर रहा है. ये बुनियादी तर पौर सबसे कमजोर लोगों को सुरक्षित रखने का एक कदम है. इसलिए हमें बूस्टर खुराक को लेकर थोड़ा सावधान रहना होगा, क्योंकि अभी तक पर्याप्त सबूत नहीं है." उन्होंने आगे बताया कि ज्यादा से ज्यादा रिसर्च बताते हैं कि तीसरा डोज कमजोर लोगों को सुरक्षित रखता है, और ये हमारे क्षेत्र के अधिक से अधिक देशों के जरिए हुआ. कई महीनों बाद वैक्सीन के प्रभाव में कमी का सुझाव आने पर कुछ यूरोपीय देशों ने पहले से ही सबसे कमजोर आबादी का बूस्टर डोज के साथ टीकाकरण शुरू कर दिया है.