चीन के प्रीमियर से मिले डब्ल्यूएचओ प्रमुख, कोविड की उत्पत्ति पर मजबूत सहयोग पर की चर्चा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने शनिवार को चीन के प्रीमियर ली केकियांग से कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर मजबूत सहयोग की जरूरत पर चर्चा की।

Update: 2022-02-06 00:57 GMT

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने शनिवार को चीन के प्रीमियर ली केकियांग से कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर मजबूत सहयोग की जरूरत पर चर्चा की। कोविड की उत्पत्ति महामारी की शुरुआत से ही विवाद का विषय बनी हुई है और इसके चलते चीन के पश्चिमी देशों के साथ संबंध तनावपूर्ण हुए हैं। डॉ. घेब्रेसियस पहले भी चीन से अपील कर चुके हैं कि उसे वायरस की उत्पत्ति से संबंधित डाटा और जानकारी साझा करने में अधिक लचीला रुख अपनाना चाहिए।

डॉ. टेड्रोस ने एक ट्वीट में लिखा, प्रीमियर ली केकियांग से मुलाकात की। हमने कोविड-19 और पूरी आबादी के 70 फीसदी हिस्से का टीकाकरण करने के लिए वैक्सीनइक्विटी पर आक्रामक प्रयासों की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमने कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति पर विज्ञान और साक्ष्यों पर आधारित अधिक मजबूत सहयोग पर भी विचार विमर्श किया।

डब्ल्यूएचओ ने पिछले नोवेल पैथोजेन की उत्पत्ति पर वैज्ञानिक सलाहकार समूह (एसएजीओ) का गठन किया था और चीन से नई जांच में मदद के लिए डाटा मांगा था, जिससे चीन ने मरीजों की गोपनीयता के नियमों का हवाला देते हुए इनकार कर दिया था। चीन उन आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है कि कोरोना वायरस इसके वुहान शहर की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ है, जहां साल 2019 के अंत में कोविड-19 की पहली बार पहचान हुई थी।

इसे लेकर चीन और डब्ल्यूएचओ का एक संयुक्त अध्ययन प्रकाशित हुआ था लेकिन इसमें इस थ्योरी को नकारा गया था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति किसी प्रयोगशाला में हुई है। पिछले साल सामने आई एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना की उत्पत्ति प्रयोगशाला में हुई थी। चीन ने इस दावे को अवैज्ञानिक करार देते हुए पूरी तरह निराधार बताया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल के दौरान कोरोना के लिए सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे थे।



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