WHO ने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से कोविड टीकाकरण तेज करने को कहा
अब सभी देशों के पास कोरोना वैक्सीन के अनेकों विकल्प हैं और इसकी कोई किल्लत नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने शुक्रवार को दक्षिण पूर्व एशिया को कोरोना वैक्सीनेशन के कवरेज की स्पीड बढ़ाने को कहा है। दरअसल इन इलाकों में एक बार फिर से कोरोना मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए यहां लोगों का वैक्सीनेशन जारी है। WHO की ओर से जारी बयान में कहा गया अनेकों देश वैश्विक लक्ष्य से पीछे हैं। इन देशों में जून के अंत तक वैक्सीन का पहला डोज 70 फीसद आबादी को मिल जाना था।
घातक वायरस से बचाव में कारगर है वैक्सीन
दक्षिण पूर्व एशिया में WHO की रीजनल डायरेक्टर पूनम खेतरपाल सिंह ने कहा, 'हमें पता है कि मौजूदा कोरोना वैक्सीन घातक कोरोना वायरस से बचाने में कारगर है। हमें वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। साथ ही इसके तहत हेल्थवर्करों, बुजुर्गों, बीमार व्यस्कों और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता देनी होगी। महामारी खत्म नहीं हुई है, हमें कम्युनिटी की सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाना होगा।' उन्होंने कोरोना वैक्सीन की प्राइमरी सीरीज को पूरा करने वाले देशों को बधाई दी।
इन देशों को WHO ने दी बधाई
भूटान की 89 फीसद आबादी, थाईलैंड में 79.9 फीसद, मालदीव्स में 70.4 फीसद और बांग्लादेश में 70.2 फीसद आबादी ने कोरोना वैक्सीन की डोज ले ली है। नेपाल अपने लक्ष्य के करीब है, यहां 69.3 फीसद आबादी को वैक्सीन की डोज मिली है। उन्होंने आगे बताया, ' भारत जल्द ही कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत दी जाने वाली डोज के 2 बिलियन के आंकड़े पर पहुंच जाएगा।' रीजनल डायरेक्टर ने कहा, 'हमें भारत के इस प्रभावी कोशिश और अन्य देशों को दी जाने वाली सहायता की सराहना करनी चाहिए।' अब सभी देशों के पास कोरोना वैक्सीन के अनेकों विकल्प हैं और इसकी कोई किल्लत नहीं है।