जब नरक मानी जाने वाली जेल में लगी भीषण आग से सेल के अंदर ही फंसे कैदी, 361 लोगों की हो गई मौत
कोई नहीं सुन रहा था कैदियों की आवाज
Fire in Comayagua Prison: दुनिया में कई जगहों से आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं, जिन्हें अकसर एक आम खबर मानकर भुला दिया जाता है. आमतौर पर जब कहीं आग लगती है तो लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है. जब तक उन्हें बचाने दमकलकर्मी (Comayagua Honduras Prison Fire) नहीं आते, तब तक वह खुद भी सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगते हैं. लेकिन क्या हो, अगर कोई आग में फंस जाए और वहां से भाग भी न सके? भला इससे बुरा क्या हो सकता है. लेकिन ऐसा वास्तव में हो चुका है. आग लगने की ऐसी ही एक घटना मध्य अमेरिकी देश हॉन्डुरस (Honduras) में देखने को मिली थी.
ये आग कामायागुआ कस्बे में स्थित एक जेल (Comayagua prison fire) में लगी थी. इस जेल को कामायागुआ में नर्क की जेल (Prison of Hell) भी कहा जाता है. आग लगने की ये घटना 14-15 फरवरी (15 February History), साल 2012 की है. जिसमें 361 लोगों की मौत हो गई थी. कैदी अपने-अपने सेल में बंद थे और वहां से भाग पाने में विफल रहे. कुछ कैदियों की मौत आग में जलने के कारण हुई तो कुछ की मौत दम घुटने की वजह से हुई. आग 14 फरवरी की शाम को लगना शुरू हुई थी. एक कैदी ने बाद में बताया कि उन लोगों ने आग लगने के बाद इसकी जानकारी दी थी लेकिन कोई मदद नहीं की गई.
कोई नहीं सुन रहा था कैदियों की आवाज
इस कैदी ने कहा था, 'कोई हमारी बात नहीं सुन रहा था. लेकिन कुछ मिनट बाद एक गार्ड चाभियों का गुच्छा लेकर आया और उसने हमें सेल से निकलने को कहा. आग (Comayagua Honduras Prison Fire 2012) लगने के 40 मिनट बाद तक भी बचाव दल नहीं आया.' इतनी बड़ी संख्या में हुई लोगों की मौत के बाद से इस आग को जेल में लगी अब तक की सबसे भयानक आग कहा जाता है. पहले 382 लोगों की मौत की बात कही गई थी लेकिन बाद में बचावकर्मियों को 353 लोगों के शव ही मिले. पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जेल में 856 कैदी मौजूद थे
बाद में कई लोगों की इलाज के दौरान मौत हुई और मरने वालों का ये आंकड़ा बढ़कर 362 तक पहुंच गया. जानकारी के मुताबिक जब आग लगी तो उस समय जेल में 856 कैदी मौजूद थे, इनमें से आधे से ज्यादा को तो संबंधित अपराध के लिए दोषी तक करार नहीं दिया गया. कई ऐसे थे, जो अपने मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे थे. जबकि कुछ के खिलाफ औपचारिक रूप से मामला दर्ज नहीं हुआ था. इस जेल को मध्यम स्तर की सुरक्षा दी गई थी. लेकिन कई ऐसे भी अपराधी (Comayagua Honduras Prison Fire) यहां कैद थे, जिन्होंने गंभीर अपराधों को अंजाम दिया था.
100 कैदियों की मौत सेल के भीतर हुई
करीब 457 कैदी आग लगने के बाद जेल से भाग गए. कुछ तो जेल की छत का सहारा लेकर भागे थे. तो कुछ दीवार फांदकर भाग गए. कई कैदियों को भागने से रोकने के लिए गार्ड्स ने गोलियां चलाई थीं. घटना के बाद दमकलकर्मियों ने बताया था कि करीब 100 कैदियों की मौत उनके सेल के भीतर जलने और दम घुटने के कारण हुई है. क्योंकि उनके सेल की चाभी नहीं मिल रही थीं. जो 30 कैदी बुरी तरह झुलसे (Comayagua Prison Fire) थे, उन्हें इलाज के लिए राजधानी ले जाया गया.
डीएनए सैंपल से हुई थी पहचान
स्थानीय राज्यपाल पाओला कास्त्रो ने दावा किया था कि उन्होंने रेड क्रॉस और दमकलकर्मियों को फोन किया था, लेकिन उन्होंने जेल तक पहुंचने में 20 से 30 मिनट का समय लगा दिया. हालात इतने बुरे थे कि पीड़ितों की पहचान उनके डीएनए सैंपल्स से की गई थी, जिसमें तीन महीने का वक्त लगा था. आग लगने के पीछे का कारण इलेक्ट्रेक शॉक या फिर किसी के द्वारा आग (Fire in Comayagua Prison) से कुछ जलाना बताया गया. लेकिन इसके पीछे वास्तविक कारण क्या था, ये आज तक साफ नहीं हो पाया है. एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि जेल 6 हजार लोगों के रहने के लिए बनाई गई थी लेकिन यहां 12 हजार लोगों को रखा गया था.