इस्लामिक देशों में बैन होने वाली ये फिल्म में ऐसा क्या है, कई देशों ने जारी किए फतवे
ब्रिटेन के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की की है. जिसे सही नहीं ठहराया जा सकता. इसलिए उन्हें सरकार के स्वतंत्र सलाहकार पद से हटाया जाता है.
बीजेपी लीडर नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर दिए गए कथित अपमानजनक बयान के बाद अब इस्लामिक कट्टरपंथियों को बवाल करने का नया मसला मिल गया है. ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा के जीवन पर बनी फिल्म का मुस्लिम देशों में विरोध शुरू हो गया है और कई देशों में इसके खिलाफ फतवे जारी किए गए हैं. हैरानी की बात ये है कि ये फिल्म मुस्लिम निर्माता-निर्देशकों ने ही बनाई है. फिर भी कट्टरपंथी इस फिल्म को इस्लाम का अपमान बताकर विरोध कर रहे हैं.
पैगंबर मोहम्मद के बेटी के जीवन पर बनी है फिल्म
'द लेडी ऑफ हेवन' (The Lady of Heaven) नाम की इस फिल्म की कहानी कुवैत के रहने वाले यासिर अल-हबीब ने लिखी है. यासिर अल-हबीब शिया मुसलमान हैं. उनकी यह फिल्म पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा के जीवन के ऊपर है. इस फिल्म में फातिमा की हत्या का चित्रण करते हुए उस घटना को दुनिया की पहली आतंकी वारदात बताया गया है. हबीब की यह फिल्म 3 जून को ब्रिटेन (Britain) के सिनेमाघरोंमें रिलीज हुई है. इसके बाद से ब्रिटेन के सिनेमाघरों के आगे प्रदर्शन, नारेबाजी, तोड़फोड़ और शियाओं को धमकी मिलने के मामले तेज हो गए हैं.
फिल्म के विरोध में कट्टरपंथी उतरे सड़कों पर
इस फिल्म का विरोध कर रहे कट्टरपंथियों का आरोप है कि पैगंबर मोहम्मद और उनके परिवार के किसी भी सदस्य की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की जा सकती और न ही कोई व्यक्ति उनकी एक्टिंग कर सकता है. कट्टरपंथियों का यह भी आरोप है कि इस फिल्म (The Lady of Heaven) में इस्लामिक इतिहास को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है, जिससे मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं. वहीं फिल्म के निर्माता-निर्देशकों का तर्क है कि फिल्म में किसी ने भी पैगंबर या उनके परिवार के सदस्यों की एक्टिंग नहीं की है बल्कि स्पेशल इफेक्ट्स और छवियों के जरिए उनके बारे में बताया गया है. साथ ही फिल्म में इस्लामिक इतिहास से कोई छेड़छाड़ न करके पूरी कहानी ज्यों की त्यों बयां की गई है.
कई मुस्लिम देशों जारी किए गए फतवे
फिल्म के निर्माता-निर्देशकों के स्पष्टीकरण के बावजूद मुस्लिम देशों में फिल्म (The Lady of Heaven) का जोरदार विरोध शुरू हो गया है. मोरक्को, मिस्र और पाकिस्तान में फिल्म को बैन करके फतवे जारी कर दिए ए हैं. ईरान हालांकि शिया देश है लेकिन वहां के मौलवियों ने भी पैगंबर के चित्रण पर आपत्ति जताते हुए फिल्म के निर्माता-निर्देशकों के साथ ही उसे देखने वाले दर्शकों के खिलाफ भी फतवे जारी किए हैं. इस फिल्म के खिलाफ हजारों की संख्या में कट्टरपंथी बाहर सड़कों पर उतर आए हैं और बिना फिल्म देखे ही उस पर बैन लगाने की मांग करने लगे हैं.
दुनिया को लेक्चर देने वाला ब्रिटेन भी हुआ परेशान
भारत समेत दुनिया के दूसरे देशों को मानवाधिकारों का लेक्चर देने वाला ब्रिटेन भी कट्टरपंथियों के हंगामे से परेशान हो गया है. बर्मिंघम, बोल्टन, ब्रैडफोर्ड और शेफील्ड समेत कई शहरों में मुसलमानों ने सिनेमाघरों के बाहर प्रदर्शन किए हैं. जिसके चलते सिनेमाघर मालिकों ने सुरक्षा के लिहाज से फिल्म (The Lady of Heaven) की स्क्रीनिंग रद्द कर दी है. इसके साथ ही लीड्स स्थित मक्का मस्जिद के प्रमुख इमाम असीम को पत्र भेजकर उसे इस्लामफोबिया पर ब्रिटिश सरकार के स्वतंत्र सलाहकार पद से हटा दिया है.
ब्रिटेन ने इमाम को पद से हटाया
ब्रिटिश (Britain) सरकार ने कहा कि कट्टरपंथियों का विरोध करने के बजाय इमाम ने फिल्म के खिलाफ प्रदर्शनों को बढ़ावा दिया, जिससे अभियव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रभावित हुई. इससे लोगों में धार्मिक घृणा को बढ़ावा मिला है. इमाम ने अपनी फेसबुक पोस्ट में फिल्म (The Lady of Heaven) के खिलाफ माहौल बनाकर ब्रिटेन के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की की है. जिसे सही नहीं ठहराया जा सकता. इसलिए उन्हें सरकार के स्वतंत्र सलाहकार पद से हटाया जाता है.