अफगानिस्तान के घटनाक्रम को गंभीरता से देख रहे, बातचीत के जरिए संघर्ष के समाधान का मार्ग बहाल होगा: संयुक्त राष्ट्र

जरूरतमंद अफगानों की बढ़ती संख्या को सहायता प्रदान करने पर केंद्रित रहेगा।"

Update: 2021-08-13 09:30 GMT

अफगानिस्तान में तालिबान के लगातार बढ़ते आतंक के आगे अफगानिस्तान सरकार ने भी लगभग हार मान ली है। तालिबान की ताकत दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है और यह स्थिति विश्व के लिए अच्छी तो बिल्कुल भी नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस अफगानिस्तान में घटनाक्रम पर गहरी चिंता के साथ नजर रख रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि दोहा में अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच चर्चा बातचीत के जरिए संघर्ष के समाधान का मार्ग बहाल करेगी। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।तालिबान तेजी से पूरे अफगानिस्तान में आगे बढ़ रहा है और प्रमुख प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करता जा रहा है। खबरों में बताया गया है कि उसने देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहरों और रणनीतिक प्रांतीय राजधानी हेरात और कंधार पर कब्जा कर लिया है। यह अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन की समाप्ति से पहले हो रहा है।

अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा अलर्ट जारी कर अमेरिकियों से ''उपलब्ध व्यावसायिक उड़ान विकल्पों का इस्तेमाल कर फौरन अफगानिस्तान छोड़ने" की अपील की थी। महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं आपको बताता हूं कि महासचिव अफगानिस्तान में हो रहे घटनाक्रम को गंभीरता से देख रहे हैं जिसमें हेरात और कंधार में हुई लड़ाई का ताजा मामला भी शामिल है।"
उन्होंने कहा, "हम शहरी इलाकों में लड़ाई पहुंच जाने को लेकर खास तौर पर चिंतित हैं जहां नागरिकों को नुकसान पहुंचने की आशंका कहीं ज्यादा है।'' महासचिव ने उम्मीद जताई है कि दोहा में इस सप्ताह अफगान प्रतिनिधियों और तालिबान के साथ ही क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दूतों के बीच वार्ता संघर्ष के बातचीत से होने वाले समझौते के मार्ग को बहाल करेगा। दुजारिक ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र इस तरह के समझौते में योगदान देने के लिए तैयार है और जरूरतमंद अफगानों की बढ़ती संख्या को सहायता प्रदान करने पर केंद्रित रहेगा।"



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