अमेरिका की वैश्विक लोकतंत्र सम्मेलन के कूटनीतिक मायने
1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि अमेरिका की वैश्विक लोकतंत्र सम्मेलन एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। ऐसा करके अमेरिका ने दुनिया को यह साफ संदेश दिया है कि दुनिया का विभाजन लोकतांत्रिक और गैर लोकतांत्रिक देशों के बीच है। बाइडन प्रशासन का यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है, जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम दौर से गुजर रहा है। बाइडन प्रशासन ने इस सम्मेलन में चीन को निमंत्रण नहीं भेजकर इस विभाजन की रेखा को और गहरी कर दिया है। बाइडन की नजर दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई मुल्कों पर टिकी है। आकस और क्वाड का गठन इस क्रम में देखा जा सकता है। बाइडन चीन को दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में अलग-थलग करना चाहते हैं।
2- बाइडन से उम्मीद की जा रही थी कि वह सत्ता में आने के बाद चीन के साथ रिश्तों में सुधार करेंगे, लेकिन बाइडन और चीन की अब तक कोई बैठक नहीं हुई। हालांकि, दोनों नेताओं की बीच वर्चुअल बैठक हुई, लेकिन वह बेनतीजा रही। चीन ताइवान और दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी योजना से टस से मस नहीं हो रहा है। दरअसल, चिनफिंग और बाइडन के बीच हुई वर्चुअल बैठक बेनतीजा रहने के बाद बाइडन प्रशासन ने शायद यह तय कर लिया है कि चीन को कूटनीतिक मोर्चे पर शिकस्त देना है। चीन को दुनिया के अन्य मुल्कों से अलग-थलग करना है। लोकतंत्र पर चीन के बहिष्कार को इसी कड़ी के रूप में देखना चाहिए।
3- विदेशी मोर्चे पर बाइडन प्रशासन की असफलताओं और उनकी लोकप्रियता के गिरते ग्राफ के बीच वैश्विक लोकतंत्र सम्मेलन के जरिए वह चीन के समक्ष अपनी महाशक्ति होने का प्रदर्शन कर रहे हैं। सौ से अधिक देशों को इस सम्मेलन में आमंत्रित करके अमेरिका चीन को यह संदेश देना चाह रहा है कि दुनिया में अभी भी लोकतांत्रिक देश उसके साथ हैं। इसके साथ वह एक संदेश देने के फिराक में होगा कि अमेरिका लोकतांत्रिक देशों के साथ हैं। खासकर उन देशों के लिए यह संदेश है कि जिनका चीन के साथ सीमा टकराव चल रहा है।
4- उधर, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने बाइडन की मेजबानी में होने जा रहे वैश्विक लोकतंत्र सम्मेलन की कड़ी निंदा की है। उसकी खिल्ली उड़ाई है। उसने अमेरिकी व्यवस्था का उपहास किया है। चीन ने अमेरिकी लोकतंत्र पर सवाल उठाए हैं। ड्रैगन ने सवाल किया है कि एक ध्रुवीकृत देश दूसरों को उपदेश कैसे दे सकता है। कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि दूसरों को पश्चिमी लोकतांत्रिक माडल की नकल करने के लिए मजबूर करने के प्रयास बुरी तरह विफल हुए हैं। पार्टी ने कहा कि महामारी ने अमेरिकी व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। उन्होंने अमेरिका में कोरोना महामारी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत के लिए राजनीतिक विवादों और ऊपरी से लेकर निचले स्तर तक विभाजित सरकार को जिम्मेदार बताया। इस प्रकार का लोकतंत्र मतदाताओं के लिए खुशियां