कोरोना के नए नियमों पर लोगों का हिंसक प्रदर्शन, पुलिस फायरिंग में कई दंगाई घायल

हिंसक प्रदर्शन

Update: 2021-11-20 17:48 GMT

एम्सटर्डम. नीदरलैंड में कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) से जुड़े नए नियमों की योजना के विरोध में लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया. रोटेरडम में शुक्रवार रात हुए इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में कई नागरिक घायल हो गए. डच सिटी के मेयर ने इस प्रदर्शन को हिंसा का तांडव करार दिया है. पुलिस के अनुसार इस प्रदर्शन में 2 दंगाई घायल हो गए, जिन्हें गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया.

दरअसल नीदरलैंड में सरकार एक कानून लाने की योजना पर विचार कर रही है जिसमें जिन लोगों का पूर्ण रूप से टीकाकरण हुआ है और जो कोविड से रिकवर हुए हैं उन लोगों को राहत देने की बात कही जा रही है. बाकी जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन नहीं ली है उन्हें कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. सरकार की इसी योजना के विरोध में लोग भड़क उठे.
हिंसा के आरोप में 51 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने इस हिंसक प्रदर्शन में शामिल 51 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें 6 नाबालिग हैं. पुलिस ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि एक पुलिसकर्मी को पैर में चोट लगने के बाद उसे अस्पताल में एडमिट किया गया है.प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई पर सफाई देते हुए, मेयर अहमद अबूतलेब ने शनिवार सुबह मीडिया से कहा कि, कई मौकों पर पुलिस को खुद की सुरक्षा के लिए हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ता है. इन प्रदर्शनकारियों ने पोर्ट सिटी, सेंट्रल शॉपिंग डिस्ट्रिकट पर पुलिस पर पत्थराव और आगजनी कर दी थी.
मेयर ने बताया कि, इस दौरान पुलिस ने लोगों को चेतावनी देते हुए हवा में फायरिंग की. इस घटना में कुछ प्रदर्शनकारियों को गोली लग गई और लोग घायल हो गए. इस मामले में पुलिस वीडियो फुटेज की जांच करके और लोगों की गिरफ्तारी करेगी.
इस साल जनवरी में भी हुआ था दंगा
कोरोना वायरस से जुड़े प्रतिबंधों के विरोध में नीदरलैंड में यह दूसरा हिंसक प्रदर्शन है. इससे पहले इस साल जनवरी में दंगाइयों ने पुलिस पर हमला कर दिया था और आगजनी शुरू कर दी थी. जिसके बाद हालात को नियंत्रण में लाने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा.

कानून मंत्री ने की हिंसक प्रदर्शन और पुलिस पर हमले की निंदा
नीदरलैंड के कानून मंत्री ने इस हिंसक प्रदर्शन और पुलिस पर हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना हमारे समाज के हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन पिछली रात जो हुआ वह आपराधिक व्यवहार था, इसे प्रदर्शन नहीं कहा जा सकता है.


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