VIDEO: होने जा रही है अनोखी घटना, मंगल ग्रह पर भेजे गए पर्सिवरेंस रोवर के पेट से निकला Ingenuity मार्स हेलिकॉप्टर, भरेगा उड़ान
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा मंगल ग्रह पर भेजे गए पर्सिवरेंस रोवर ने अपने पेट के नीचे लगा कवर हटा दिया है. इसके साथ ही कंगारुओं की तरह उसके पेट में छिपा इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) दिखने लगा. इंजीन्यूटी ने मंगल ग्रह की हवा का स्वाद चखा. यह जांचा जाएगा कि मंगल ग्रह की सतह और वहां के वायुमंडल में रोटरक्राफ्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है कि नहीं.
1.8 किलोग्राम के इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) को पर्सिवरेंस रोवर को अपने नीचे पहियों के ऊपर पेट में एक कवर के अंदर सुरक्षित रखा था. 21 मार्च को यह कवर हटाया गया. अब अप्रैल के पहले सप्ताह में इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर की ट्रायल उड़ान होगी. NASA ने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि जल्द ही इस रोवर के पेट से उड़ने वाला पक्षी निकलेगा. यह नए रास्ते खोलेगा.
NASA के वैज्ञानिकों ने कहा कि अभी तक धरती के अलावा किसी भी दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट या ड्रोन हेलिकॉप्टर नहीं भेजा गया है. यह पहली बार है जब इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ान भरेगा. अगर यह उड़ान के समय सफलता हासिल करता है तो भविष्य में अन्य ग्रहों पर ऐसे ड्रोन या रोटरक्रॉफ्ट जैसे यान भेजे जा सकेंगे.
इस मिशन पर काम करने वाली टीम ने कहा कि Ingenuity की कुछ उड़ानें पूरी होने के बाद, पर्सिवरेंस रोवर अपने मुख्य उद्देश्य पर फोकस करेगा. यह मार्स पर प्राचीन जीवन के संकेतों का पता करेगा. पृथ्वी पर लौटने से पहले सैंपल जमा करेगा.
पर्सिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे. मौसम का अध्ययन करेंगे. ताकि भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को आसानी हो. रोवर में लगे मार्स एनवायर्नमेंटल डायनेमिक्स एनालाइजर यह बताएगा कि मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने लायक स्थिति है या नहीं. इसमें तापमान, धूल, वायुदाब, धूल और रेडिएशन आदि का अध्ययन किया जाएगा.
भारतीय मूल की वनीजा रूपाणी (17) ने हेलिकॉप्टर को इंजीन्यूटी नाम दिया है. हिंदी में इसका मतलब है किसी व्यक्ति का आविष्कारी चरित्र. वनीजा अलबामा नार्थ पोर्ट में हाई स्कूल जूनियर हैं. मंगल हेलिकॉप्टर के नामकरण के लिए नासा ने 'नेम द रोवर' नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 28,000 प्रतियोगी शामिल हुए थे. इसमें वनीजा की ओर से सुझाए गए नाम को फाइनल किया गया.
नासा ने बताया कि मंगल के वातावरण में यह छोटा हेलिकॉप्टर सतह से 10 फीट ऊंचा उठकर एक बार में 6 फीट तक आगे जाएगा. आपको बता दें कि पिछले 11 दिनों में दो देशों के मिशन मंगल पर जा चुके हैं. अब अमेरिका अपना मिशन भेजने वाला है. 19 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात ने मिशन होप भेजा था. 23 जुलाई को चीन ने तियानवेन-1 मार्स मिशन भेजा था.