ऐसा प्रतीत होता है कि ये जगह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल के आसपास का महानगरीय क्षेत्र है, जहां राष्ट्र की करीब 5.1 करोड़ जनसंख्या में से आधे लोग रहते हैं और दक्षिण कोरिया के सेना मुख्यालय डेजॉन के आसपास का क्षेत्र है। केसीएनए ने बोला कि किम ने बैठक के दौरान जनरल पाक सु इल के जगह पर वाइस मार्शल री योंग गिल को नया चीफ ऑफ जनरल स्टाफ नियुक्त किया। किम की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता ली सुंग जून ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान बोला कि अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई खुफिया अधिकारी उत्तर कोरिया के हथियार विकास गतिविधियों और उकसावे की घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा बड़े पैमाने पर संयुक्त रूप से सेना अभ्यास की तैयारियों के बीच उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी सेना को युद्ध रणनीतियों पर तेजी से अमल का आदेश दिया तथा सीमावर्ती इकाइयों के युद्ध अभियानों के विस्तार पर हस्ताक्षर किए। उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी की एक समाचार से यह जानकारी मिली।
दोनों राष्ट्रों के अभ्यास को हमले की तैयारी बताते हुए किम ने अपनी सेना से हथियार परीक्षण को और तेज करने को कहा। साल 2022 की आरंभ से 100 से अधिक मिसाइल का परीक्षण किया गया है जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है।
विशेषज्ञों का बोलना है कि किम के अपनी सेना को इस आदेश का उद्देश्य अमेरिका को उत्तर कोरिया के परमाणु शक्ति के रूप में स्वीकार करने के लिए विवश करना है ।
ताकि वह अंततः मजबूत स्थिति से आर्थिक और सुरक्षा रियायतों पर वार्ता कर सके।
किम के नेतृत्व में उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के केंद्रीय सेना आयोग की बृहस्पतिवार को बैठक हुई। उत्तर कोरिया की कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बोला कि राष्ट्र की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों को बढ़ावा देने और नई रणनीतियों तथा हथियारों को शामिल करने के लिए युद्ध अभ्यास तेज करने की वार्ता के बाद किम ने ‘‘महत्वपूर्ण सेना उपायों’’ को लागू करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए।
बैठक के दौरान, किम ने इस बात पर बल दिया कि सेना को अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने और लड़ाकू इकाइयों में उन हथियारों की तेजी से तैनाती के लिए ‘‘अधिक ताकतवर हमले के साधन’’ हासिल करने चाहिए।
केसीएनए के अनुसार किम ने राष्ट्र के रक्षा उद्योग से विभिन्न हथियारों और प्रणालियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन बढ़ाने तथा सेना से उन प्रणालियों को शामिल करने का आह्वान किया।