125 साल बाद मलेशिया में मिला अत्यंत दुर्लभ उल्लू, नारंगी रंग की हैं आंखें
राजाह स्कोप्स उल्लू की सबसे पहले पहचान सन 1892 में रिचर्ड बोवडलर शार्पे ने की थी।
मलेशिया के वर्षा वनों में पाए जाने वाले एक दुर्लभ उल्लू को 125 साल बाद फिर से पाया गया है। नारंगी रंग की आंखों वाले इस अद्भुत उल्लू को मलेशिया के माउंट किनाबलू के जंगलों में देखा गया है। यह उल्लू राजाह स्कोप प्रजाति का है। इस उल्लू के शरीर पर खास तरह के धारियां बनी हुई हैं और इसका पर्यावास भी अलग तरह का है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह नई तरह की प्रजाति है और इसके संरक्षण की जरूरत है।
इस उल्लू के बारे में अभी बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन यह पहाड़ों पर घने वन के अंदर रहता है। इन उल्लूओं के घरों पर अब संकट मंडरा रहा है और इसकी वजह, जलवायु परिवर्तन, जंगलों का काटा जाना तथा पॉम ऑयल का उत्पादन है। तकनीकी मामलों के विशेषज्ञ कीगन ट्रांनक्लिलो ने वर्ष 2016 में इस उल्लू की तलाश में काफी समय माउंट किनाबलू के जंगल के अंदर बिताया था।
राजाह स्कोप्स उल्लू की सन 1892 में सबसे पहले पहचान
कीगन ने स्मिथसोनिआन पत्रिका को बताया कि जंगल के अंदर जहां अत्यधिक अंधेरा था, वहां यह उल्लू उड़ा और बैठ गया। उन्होंने कहा कि यह उल्लू कुछ समय बाद ही उड़ गया लेकिन बाद में सौभाग्य से वापस आ गया। वह बता सकते थे कि यह स्कोप उल्लू है लेकिन उसका आकार बड़ा था और उसकी आंखें भी नारंगी थीं। कीगन ने इसके बारे में शोधकर्ता एंडी बोयसे को बताया जो यूनिवर्सिटी ऑफ मोंटाना में शोध कर रहे हैं।
एंडी ने बताया कि मुझे एक विचित्र उल्लू के बारे में फोन कॉल आया। मैं उस समय प्रयोगशाला में था। एंडी अब स्मिथसोनिआन माइग्रेटरी बर्ड सेंटर में परिस्थितिकी विज्ञानी हैं। उन्होंने कहा, 'जब मैंने इस उल्लू को देखा तो मैं पूरी तरह से आश्चर्यचकित रह गया। मैं काफी उत्साहित हो गया क्योंकि हमने एक कल्पना में पाए जाने वाले पक्षी की खोज की है। इसके बाद मैंने बहुत तेजी से इसका दस्तावेजीकरण किया। राजाह स्कोप्स उल्लू की सबसे पहले पहचान सन 1892 में रिचर्ड बोवडलर शार्पे ने की थी।