Valentine's Day Special: जब पिता से बस 4 साल ही छोटे जिन्ना को हुआ था 16 साल की रतन बाई से प्यार
वैलेंटाइंस वीक चल रहा है और ऐसे में उन कहानियों के बारे में लोग बातें कर रहे हैं
वैलेंटाइंस वीक चल रहा है और ऐसे में उन कहानियों के बारे में लोग बातें कर रहे हैं जो थोड़ी असाधारण हैं. कुछ इन्हीं लव स्टोरीज में से एक है पाकिस्तान के फाउंडर मोहम्मद अली जिन्ना की लव स्टोरी. सुनकर शायद आप चौंक जाएंगे लेकिन यह सच है कि 40 साल के जिन्ना 16 साल की रतनबाई पेटीट के प्यार में गिरफ्तार हो गए थे.
कुछ लोगों को हैरानी हो सकती है क्योंकि यह उस दौर की कहानी है जब प्यार के बारे में सोचना भी पाप सा समझा जाता था. दोनों के अफेयर ने मुंबई जो इन दिनों बॉम्बे हुआ करता था, वहां इनके अफेयर्स ने सबको हिलाकर रख दिया था. बॉम्बे की हाई सोसायटी और राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी. लेकिन यह लवस्टोरी दो साल बाद शादी की मंजिल पर भी पहुंची थी.
पिता से बस 4 साल ही छोटे थे जिन्ना
जिन्ना और रतन बाई की इस लव स्टोरी के बारे में लेखिका शीला रेड्डी ने अपनी किताब, 'मिस्टर एंड मिसेज जिन्ना: द मैरिज दैट शूक इंडिया' में खुलासा किया था. ये किताब साल 2017 में रिलीज हुई थी. जिन्ना और रतनबाई की प्रेम कहानी कितनी असाधारण है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जिन्ना अपनी प्रेमिका के पिता सर डिनशॉ से बस चार साल ही छोटे थे. जहां जिन्ना मुसलमान थे तो रतनबाई पारसी समुदाय से आती थीं.
रतनबाई को दुबले-पतले और पांच फीट छह इंच के उस जिन्ना से बेइंतहा मोहब्बत हो गई थी, जो अपने बालों को ठीक से कंघी करते थे और खुद को काफी अच्छे से कैरी करते थे. वह काफी तेज चलते और उनके नैन-नक्श ग्रीस के किसी व्यक्ति से मेल खाते थे.
पहली मुलाकात दार्जिलिंग में
जहां रतनबाई को जिन्ना की कौन सी बात पसंद आई ये तो हर कोई जानता था, लेकिन जिन्ना को रतनबाई में क्या अच्छा लगा था, इस बारे में किसी को कुछ नहीं मालूम चल सका था. जिन्ना को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर जाना जाता था जो शायद ही कभी किसी के लिए आकर्षित हुए. जिन्ना के गुड लुक्स और उनके ड्रेसिंग सेंस के बावजूद उनका दिल जीतना बहुत ही मुश्किल था.
कहते हैं कि जिन्ना और रतनबाई की पहली मुलाकात दार्जिलिंग में हुई थी. रतनबाई के पिता सर दिनशॉ मुंबई के नामी उद्योगपति थे और जिन्ना के अच्छे दोस्त थे. रतनबाई के पिता परिवार सहित दार्जिलिंग जा रहे थे. उन्होंने जिन्ना को भी अपने साथ चलने का न्योता दिया. यहीं रतनबाई रूटी जिन्ना को पहली नजर में पसंद आ गईं.
पहले से शादीशुदा थे जिन्ना
जिन्ना एक ऐसे माहौल में पले-बढ़े थे जहां पर महिला और पुरुष एक-दूसरे से सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे से बात नहीं करते थे. जिन्ना की एक शादी हो चुकी थी और उनकी उम्र 16 साल ही थी जब उनका निकाह 14 साल की एमिबाई से हुआ था. जिन्ना निकाह के बाद पढ़ने के लिए लंदन चले गए थे.
उनकी पहली पत्नी का निधन लंबी बीमारी की वजह से हो गया था. जिन्ना जब लंदन में थे तभी उन्हें पत्नी के निधन की सूचना दी गई थी. जिन्ना और रतनबाई के बीच मेलजोल बढ़ा और दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे. एक दिन जिन्ना ने करके दिनशा से बेटी का हाथ मांग लिया. जिन्ना की इस पेशकश ने दिनशा की दोस्ती का अंत कर दिया.
सन् 1918 में हुआ निकाह
रतनबाई जैसे ही 18 साल की हुईं, उन्होंने अपने पिता का घर छोड़ दिया. दोनों ने सन् 1918 में मुंबई जिन्ना हाउस में निकाह किया. रतनबाई के परिवार का कोई भी सदस्य इसमें शामिल नहीं हुआ. रतनबाई ने इस्लाम कबूल कर लिया और वह मरियम बाई बन चुकी थीं. निकाह के अगले ही साल 1919 में दोनों एक बच्चे के माता-पिता बन गए.
इसके बाद जल्द ही दोनों के रिश्तों में दरार आनी शुरू हो गई. घरेलू विवाद की वजह से रतनबाई बहुत ज्यादा नशा करने लगी थीं. अकेलापन उन्हें सताने लगा था. उन्होंने खुद को ड्रग्स के हवाले कर दिया.तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें लंदन ले जाना पड़ा. इलाज कराकर जब वह वापस देश लौटीं, तो 20 फरवरी 1929 को रूटी ने अपने 30वें जन्मदिवस पर दुनिया को अलविदा कह दिया.