उज्बेकिस्तान में पाकिस्तान करा रहा अपनी बेइज्जती, मसूद के सवाल पर भागे शहबाज तो बिलाल ने दिया ये बयान

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के समरकंद में मौजूद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ शुक्रवार को जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) प्रमुख मसूद अजहर से संबंधित मीडिया के सवाल पर से बचते नजर आए.

Update: 2022-09-17 01:02 GMT

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के समरकंद में मौजूद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ शुक्रवार को जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) प्रमुख मसूद अजहर से संबंधित मीडिया के सवाल पर से बचते नजर आए. शहबाज शरीफ से पूछा गया कि क्या वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित वैश्विक आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

पत्रकार ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ जा रहे पाकिस्तान के प्रधान मंत्री से सवाल किया, लेकिन शरीफ ने जवाब नहीं देने का फैसला किया और आगे बढ़ गए. शरीफ के सुरक्षाकर्मियों ने भी पत्रकार को सवाल पूछने से रोकने की कोशिश की. वीडियो में उनमें से एक को यह कहते हुए सुना गया, "मुझे लगता है कि यह काफी, प्लीज." बता दें जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार रहा है और 2019 में जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी.

'उम्मीद है कि पाकिस्तान FATF सूची से बाहर हो जाएगा'

वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि उन्होंने बाढ प्रभावित पाकिस्तान के लिए भारत से मदद नहीं मांगी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ना चाहता है और यह FATF लिस्टिंग या अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कारण नहीं बल्कि अपने देश के लोगों के लिए. भुट्टो ने कहा कि "हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान FATF सूची से बाहर हो जाएगा." बता दें पाकिस्तान 2018 से (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ग्रे लिस्ट में है. आतंकवादी गतिविधियों में धन के प्रवाह पर पाकिस्तान के रिकॉर्ड की FATF द्वारा निरंतर जांच की जा रही है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले अगले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में इस्लामाबाद की भागीदारी के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

मसूद के सवाल तालिबान-पाकिस्तान आमने सामने

हाल ही में मसूद अजहर को लेकर तालिबान सरकार और पाकिस्तान आमने सामने आ गए थे. पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसने मसूद अजहर के अफगानिस्तान में होने के मुद्दे को अफगान अधिकारियों के सामने उठाया है. इससे एक दिन पहले तालिबान ने मसूद अजहर के अफगानिस्तान में होने की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया था. तालिबान सरकार ने कहा था कि ऐसे आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की जमीन से संचालन कर सकते हैं और यहां तक कि सरकारी संरक्षण में भी वे अपना काम जारी रख सकते हैं.

 

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