US: पाकिस्तानी मूलक की लीना खान के चयन को टेक इंडस्ट्री के दिग्गजों फेसबुक, गूगल, अमेजन और एप्पल के प्रति कड़े रुख के संकेत

अमेरिका (America) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने पाकिस्तान मूल की लीना खान (Lina Khan) को ‘फेडरल ट्रेड कमीशन’ (FTC) का रेगुलेटर (Federal regulator) नियुक्त किया है.

Update: 2021-06-16 11:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका (America) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने पाकिस्तान मूल की लीना खान (Lina Khan) को 'फेडरल ट्रेड कमीशन' (FTC) का रेगुलेटर (Federal regulator) नियुक्त किया है. लीना खान की पहचान बड़ी टेक कंपनियों की आलोचक के रूप में होती है. ये फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब टेक इंडस्ट्री (Tech Industry) को कांग्रेस, रेगुलेटर्स और राज्यों के अटॉर्नी जनरल से लगातार दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) के प्रमुख के लिए पाकिस्तान मूल की कानूनी विद्वान लीना खान के चयन को टेक इंडस्ट्री के दिग्गजों फेसबुक, गूगल, अमेजन और एप्पल के प्रति कड़े रुख के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. सीनेट ने 69-28 मतों के साथ आयोग के पांच सदस्यों में से एक के रूप में खान की पुष्टि की. इसके कुछ घंटे बाद खान ने FTC अध्यक्ष के रूप में शपथ ली. वहीं, बाइडेन ने अपने राष्ट्रपति अभियान में पहले ही कहा था कि उनका प्रशासन बड़ी टेक कंपनियों पर लगाम कसने का काम करने वाला है.

कौन हैं लीना खान?
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, लीना खान का जन्म लंदन में हुआ. 11 वर्ष की उम्र में खान अपने पाकिस्तानी माता-पिता के साथ अमेरिका में रहने चली आईं. खान कोलंबिया यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल में प्रोफेसर रही हैं और 2017 में येल लॉ की छात्रा के रूप में अपने स्कोलर्ली काम के लिए 2017 में सुर्खियों में छा गई थीं. 32 वर्ष की उम्र में FTC की प्रमुख बनने वाली लीना खान सबसे कम उम्र की अध्यक्ष हैं. लीना खान ने कहा कि 'फेडरल ट्रेड कमीशन' (FTC) का नेतृत्व करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा चुने जाने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. मैं जनता को कॉर्पोरेट दुरुपयोग से बचाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं.

टेक कंपनियों की जिम्मेदारी हो तय: बाइडेन
राष्ट्रपति जो बाइडेन दिग्गज टेक कंपनियों पर लगाम कसने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं. लीना खान की नियुक्ति इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है. बाइडेन का कहना है कि इन टेक कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर होने वाली गतिविधि के लिए इनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए किए कैंपेन में उन्होंने कहा था कि वह टेक कंपनियों को लेकर कड़े नियम बनाने वाले हैं. इससे पहले, बाइडेन ने टेक कंपनियों के दिग्गज आलोचक टिम वू को नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल का सदस्य बनाया है.


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