अमेरिका के सचिव ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी को लिखा पत्र, यूएन की बैठक में शामिल होने को कहा
जिसकी अमेरिकी सेना ने बहुत आलोचना की थी। अमेरिकी सरकार का कहना था कि ये शांति समझौते में रुकावट डाल रहा है।
अमेरिका के सचिव एंथनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को पत्र लिखकर संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में शांति सम्मेलन का प्रस्ताव रखा है। एंथनी ब्लिंकन ने इसमें भारत के साथ छह देशों को शामिल करने की बात कही है। अफगानिस्तान में शांति के समर्थन में एकीकृत दृष्टिकोण पर चर्चा करने के लिए यह प्रस्ताव रखा गया है।
अशरफ गनी को भेजे गए पत्र में एंथनी ने लिखा है कि आने वाले हफ्तों में शांति समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तुर्की दोनों तरफ से उ्च्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेगा। पत्र के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र की ओर से विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई जाएगी और रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, भारत और अमेरिका के दूत अफगानिस्तान में शांति के समर्थन में एकीकृत दृष्टिकोण के विषय पर चर्चा करेंगे।
इसके अलावा पत्र में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को भी शामिल होने की बात कही गई है। अमेरिकी सचिव एंथनी का कहना है कि इन दस्तावेजों से अफगान सरकार को मदद मिलेगी और तालिबान विकास के सिद्धांतों की ओर आगे बढ़ेगा, जो देश के संवैधानिक और शासन व्यवस्था का नेतृत्व करेगा।
हीं स्थायी युद्धविराम के लिए नया रोडमैप तैयार किया जाएगा। एंथनी ब्लिंकन ने अपने पत्र में 90 दिन के लिए हिंसा में कमी प्रस्ताव की भी चर्चा की है। अपने पत्र के अंत में ब्लिंकन ने लिखा कि एक मई से अमेरिका अपनी पूरी सेना वापस बुला लेगी ताकि दूसरे पहलुओं पर भी विचार किया जा सके।
एंथनी ने कहा कि अमेरिकी की ओर से सेना हटाए जाने पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से वित्तीय सहायता मिलने के बाद भी मुझे सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंता है। पिछले साल फरवरी में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंंप और तालिबान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को हटाया जाए।
समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, तालिबान ने अफगानिस्तान पर आतंकी हमले तेज कर दिए थे, जिसकी अमेरिकी सेना ने बहुत आलोचना की थी। अमेरिकी सरकार का कहना था कि ये शांति समझौते में रुकावट डाल रहा है।