रुश्दी पर हमले के लिए धन जुटाने वाले ईरानी समूह पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर हमले के लिए धन जुटाने वाले ईरानी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है। रुश्दी पर अगस्त में न्यूयार्क में हमला हुआ था। एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने गए रुश्दी को हमलावर ने कई मुक्के मारे, इसके बाद चाकू से कई वार किए थे।
रुश्दी की हत्या के लिए घोषित किया है इनाम
ट्रेजरी आफिस आफ फारेन एसेट्स कंट्रोल ने 15 खोरदाद फाउंडेशन पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दी है। इस फाउंडेशन ने रुश्दी की हत्या के लिए लाखों डालर का इनाम भी घोषित कर रखा है। अमेरिका ने कहा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकारों के खिलाफ खड़े होने के अपने दृढ़ संकल्प में नहीं डगमगाएगा।
इस्लाम विरोधी टिप्पणियों के लिए आए थे विवाद में
रुश्दी 1988 में उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस में की गई इस्लाम विरोधी टिप्पणियों के लिए विवाद में आए थे। कुछ मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं। 1989 में ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी ने भी उनकी हत्या के लिए फतवा जारी किया था। रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने बताया था कि उनके एक आंख की रोशनी चली गई है। एक हाथ काम नहीं कर रहा है।
रुश्दी के बारे में
मुंबई में जन्मे रुश्दी कई दशक तक ब्रिटेन में रहे हैं। 2007 में रुश्दी को साहित्य की सेवा के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने नाइट की उपाधि से सम्मानित किया, जिसके बाद उन्हें सर का खिताब हासिल हुआ। रुश्दी सन 2000 के बाद अमेरिका चले गए। 2016 में उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल गई।