अफगानिस्तान में US का रेस्क्यू मिशन, 24 घंटे में 16 हजार लोगों को निकालने के लिए भेजे गए विमान
दिक्कत के इस देश से बाहर निकाला जा सके, जहां बीते हफ्ते तालिबान ने कब्जा कर लिया है.
अमेरिका अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों और अफगानों को लगातार काबुल से निकाल रहा है. बीते 24 घंटे में 25 अमेरिकी सैन्य C-17, 3 C-130 और 61 चार्टर्ड, वाणिज्यिक और अन्य सैन्य विमान काबुल पहुंचे हैं. जिनके जरिए लाए जाने वाले यात्रियों की कुल संख्या लगभग 16,000 है. इस बात की जानकारी अमेरिकी सेना के मेजर जनरल हैंक टेलर ने दी है. इससे एक दिन पहले कमर्शियल एयरलाइंस की मदद लेने की घोषणा की गई थी.
रक्षा मंत्री और पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय) प्रमुख लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) ने छह कमर्शियल एयरलाइंस को यात्री विमान देने को कहा था. पेंटागन (US Commercial Flights) की तरफ से 18 अमेरिकी कमर्शियल विमानों के आपातकालीन उपयोग का आदेश दिया गया. अमेरिका को ये फैसला इसलिए लेना पड़ा क्योंकि लोगों की निकासी में दिक्कतें आ रही थीं और एयरपोर्ट पर भी काफी भीड़ होने की वजह से परेशानी आ रही है.
सिविल रिजर्व एयर फ्लीट कार्यक्रम शुरू
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने 'सिविल रिजर्व एयर फ्लीट' कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण की शुरुआत कर दी है, जिसमें 18 विमान मांगे गए हैं. इनमें अमेरिकन एयरलाइन, एटलस एयर, डेल्टा एयरलाइन और ओमनी एयर से प्रत्येक से तीन-तीन जबकि हवाइन एयरलाइन से दो और यूनाइटेड एयरलाइन से पांच विमान मांगे गए हैं. पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बताया कि ये विमान काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Hamid Karzai International Airport) पर उड़ान नहीं भरेंगे.
कैसे किया जाएगा विमानों का इस्तेमाल?
किर्बी के अनुसार, काबुल छोड़ने के बाद यात्रियों को अन्य स्टेशनों से ले जाने के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे अमेरिकी सेना अफगानिस्तानी हिस्से से लोगों की निकासी पर ध्यान केंद्रित कर पाएगी. एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अमेरिकी सेना को कई बार हवा में गोलीबारी तक करनी पड़ी है. क्योंकि बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी देश छोड़कर जा रहे हैं. इनमें से कई लोगों की तो विमान से गिरने के कारण मौत हुई है. भीड़ से बचने के लिए ही अमेरिका दूसरे तरीकों की खोज कर रहा था, ताकि लोगों को बिना किसी दिक्कत के इस देश से बाहर निकाला जा सके, जहां बीते हफ्ते तालिबान ने कब्जा कर लिया है.