वाशिंगटन। भारत में बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर सर्वे पर बोलने से अमेरिका ने इनकार कर दिया है। एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
बीते दिनों भारत में बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर विभाग का सर्वे चर्चा का विषय बना हुआ है। वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश विभाग की नियमित प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान पत्रकार जहांजेब अली ने बीबीसी के भारतीय कार्यालयों पर भारतीय आयकर विभाग के सर्वे का मसला उठाया था। उन्होंने कहा कि 2002 के गुजरात दंगे पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर उठे विवाद के बाद यह कार्रवाई की गयी है। जहांजेब ने पूछा था कि अमेरिकी सरकार क्या इस मुद्दे को लेकर चिंतित है या फिर इस पर कुछ प्रतिक्रिया देना चाहती है?
पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि दिल्ली में बीबीसी के कार्यालयों में भारतीय टैक्स अथॉरिटीज के तलाशी अभियान की उन्हें जानकारी है लेकिन उन्होंने इस पर आगे कुछ टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया। नेड प्राइस ने साफ कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के लोगों से संबंध हैं। साथ ही दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्य भी साझा करते हैं।
हालांकि नेड प्राइस ने अपने बयान में प्रेस की आजादी का समर्थन किया और कहा कि अमेरिका लगातार दुनियाभर में प्रेस की आजादी और धार्मिक आजादी व मानवाधिकार की अहमियत का समर्थक रहा है। इनसे लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग की तलाशी के बारे में भारतीय अथॉरिटीज ही विस्तृत जवाब दे सकती हैं।