कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन को देखते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन का बड़ा फैसला

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनजर |

Update: 2021-01-25 03:09 GMT

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनजर अधिकतर गैर अमेरिकी लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा उन्‍होंने अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन और उसके लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर किया है। इसकी जानकारी अमेरिका के पब्लिक हैल्‍थ अधिकारी ने दी है। इसके अलावा उन्‍होंने मंगलवार को ब्राजील, आयरलैंड और ब्रिटेन समेत यूरोप के 26 देशों से आने वाले गैर अमेरिकियों के भी देश में आने पर प्रतिबंध लगाया है। सीडीसी के प्रिंसीपल डिप्‍टी डायरेक्‍टर डॉक्‍टर ऐनी सूचेट ने एक इंटरव्‍यू के दौरान बताया कि राष्‍ट्रपति ने अपने आदेश में दक्षिण अफ्रीका को भी जोड़ दिया है। इसकी वजह है कि दक्षिण अफ्रीका में कोरेाना वायरस के नए स्‍ट्रेन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

उनके मुताबिक अमेरिका ने ये फैसला एहतियातन लिया है क्‍योंकि अमेरिका अपने देशवासियों को कोरोना के इस नए प्रभाव से बचाना चाहता है। इसके साथ ही वो अमेरिकियों को इस खतरे से दूर रखना चाहता है। गौरतलब है कि पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के एक आदेश के मुताबिक 18 जनवरी को ब्राजील और यूरोप के देशों के ऊपर लगे इस तरह के प्रतिबंध को हटा लिया था लेकिन राष्‍ट्रपति बाइडन ने इसको दोबारा लगा दिया है। आपको बता दें कि बाइडन ने 20 जनवरी को अमेरिका की सत्‍ता संभालने के तुरंत बाद ही कोरोना वायरस के खिलाफ तेजी से काम करने का संकल्‍प लिया था। उनका कहना था कि उन्‍हें देश को इस महामारी से निकालने के लिए ही लोगों ने अपना वोट दिया है। लिहाजा ऐसा करना उनकी पहली प्राथमिकता है।
आपको यह पर ये भी बता दें कि बीते कई माह से ही अमेरिका कोरोना वायरस के मामले में विश्‍व के देशों में सबसे ऊपर है। यहां पर हर रोज ही एक लाख से अधिक मामलों के सामने आने के बाद स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। रॉयटर्स के मुताबिक मौजूदा समय में अमेरिका में कोरोना वायरस के 24,869,975 मामले सामने आ चुके हैं जबकि इसकी वजह से 417,115 मरीजों की मौत तक हो चुकी है। वहीं 10,944,215 लोग ठीक भी हुए हैं। यहां पर ये भी जानना जरूरी है कि कोरोना वायरस के जिस नए स्‍ट्रेन की बात यहां पर की जा रही है उसका पता पहली बार ब्रिटेन में चला था। इसके बाद ये कई देशों में पाया गया है।
इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इस वायरस को और अधिक घातक बताकर विशेषज्ञों में बहस छेड़ दी है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि वायरस का ये प्रकार पहले मिले प्रकारों से अधिक घातक है। हालांकि देश के विशेषज्ञ मानते हैं कि अब तक इस तरह का कोई सुबुत नहीं मिला है कि इस तरह की बात कही जाए। उनके मुताबिक साठ वर्ष की उम्र तक के प्रति 1000 व्‍यक्तियों पर दस दस मौते सामने आई हैं जबकि पुराने प्रकार में इनकी संख्‍या करीब 13 थीं। वहीं 40 वर्ष तक की आयु वाले मरीजों में इसकी संख्‍या प्रति एक हजार पर दो है जबकि पुराने प्रकारों में ये करीब ढाई थी।



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