अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बोले- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य मौजूदगी बनाए रखेंगे

अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बता दिया है

Update: 2021-04-30 01:15 GMT

अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बता दिया है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य मौजूदगी बनाए रखेगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष के लिए नहीं बल्कि दूसरे देशों को ऐसा करने से रोकने के लिए है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 100 दिनों बाद बाइडन ने कहा, अमेरिका अब आगे बढ़ रहा है।

जो बाइडन ने कहा, उन्हें पिछली एक सदी में कोरोना महामारी के कारण सबसे खराब आर्थिक संकट विरासत में मिला है। लेकिन अमेरिका अब आगे बढ़ रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी पर कहा, मैंने राष्ट्रपति जिनपिंग को बताया है कि हम प्रतिस्पर्धा का स्वागत करते हैं, लेकिन टकराव नहीं चाहते।
बता दें कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटा है जबकि अमेरिका नाटो सहयोगियों के साथ यहां अपनी उपस्थिति बनाए हुए है। उन्होंने कहा, मैं अमेरिकी हितों की रक्षा करूंगा और कारोबार के उन अनुचित तरीकों के खिलाफ खड़ा रहूंगा जिनसे अमेरिकी कामगारों और उद्योगों में कटौती, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और बौद्धिक संपदा की चोरी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेगा।
अमेरिका-चीन में रिश्ते निचले स्तर पर
अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर रिश्ते काफी निचले स्तर पर हैं। इनमें हांगकांग स्वायत्त क्षेत्र में चीनी दादागीरी, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के साथ मानवाधिकार हनन, विवादित दक्षिण और पूर्वी सागर में चीन के आक्रामक कदम शामिल हैं। अमेरिका कई बार इन मुद्दों पर चीन को चेतावनी देता रहा है।
आव्रजन सुधार विधेयक पारित करे कांग्रेस
बाइडन ने अमेरिकी संसद (कांग्रेस) से वृहद आव्रजन सुधारों को पारित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि महामारी के दौरान आव्रजकों ने अमेरिका के लिए काफी कुछ किया है। पदभार संभालने के बाद बाइडन कांग्रेस को आव्रजन विधेयक भेज चुके हैं जिसमें प्रवासियों को कानूनी दर्जा देने और ऐसे हजारों आव्रजकों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। कांग्रेस को इस पर आगे बढ़ना चाहिए।
जलवायु संकट अकेले अमेरिका की लड़ाई नहीं, यह वैश्विक संकट है
राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु संकट से निपटना अकेले अमेरिका की लड़ाई नहीं बल्कि यह वैश्विक जंग है। बाइडन ने जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव धीमा करने के लिए उन्होंने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने पर जोर दिया है। इसीलिएमैंने पद ग्रहण करते ही पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी की।
श्वेत वर्चस्व की भावना आतंकवाद है

अमेरिकी कांग्रेस के पहले संयुक्त संबोधन में बाइडन ने कहा कि श्वेत वर्चस्व की भावना घरेलू आतंकवाद है जिसके खिलाफ अमेरिका को चौकस रहना होगा। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना वापस बुलाने के पर चर्चा करते हुए बाइडन ने कहा कि वैश्विक आतंकी नेटवर्क काफी हद तक देश से दूर चले गए हैं और विदेशी आतंकियों के मुकाबले श्वेत वर्चस्व की मानसिकता वाले लोग देश के लिए अधिक बड़ा खतरा हैं। उन्होंने 6 जनवरी की कैपिटल हिंसा का भी जिक्र किया। साथ ही कहा, वे चाहते हैं कि जार्ज फ्लॉयड के निधन की पुण्यतिथि पर सांसद पुलिस सुधार विधेयक को पारित कर दें।
हैरिस और पेलोसी ने इतिहास रचा
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति के कांग्रेस में पहले संयुक्त सत्र के दौरान मंच साझा कर इतिहास रचा। राष्ट्रपति के पहले संबोधन के दौरान दो महिलाएं उनके पीछे बैठीं। हैरिस (56) अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली भारतवंशी तथा पहली अश्वेत महिला हैं, जबकि 81 वर्षीय पेलोसी 2007 में, सदन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला रहीं जो राष्ट्रपति के बाएं तरफ बैठीं।

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