अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बोले- कोविड-19 को हथियारों से नहीं हरा सकते

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र्र महासभा को संबोधित करते हुए कोरोना महामारी को लेकर कहा कि यह बहुत पीड़ा व असाधारण संभावना का वक्त है।

Update: 2021-09-22 02:45 GMT

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र्र महासभा को संबोधित करते हुए कोरोना महामारी को लेकर कहा कि यह बहुत पीड़ा व असाधारण संभावना का वक्त है। इस दौरान हमने बहुत खोया है। दुनियाभर में 45 लोगों को हमने खोया। महामारी से निपटने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। हथियारों से महामारी को नहीं हरा सकते। बाइडन ने अफगानिस्तान के हालात व आतंकी खतरों का भी जिक्र किया और कहा कि 20 साल से जारी संघर्ष छोड़कर हमने कूटनीति के द्वार खोले हैं। इसके लिए हमें चाहे जितनी चुनौतियों का सामना करना पड़े, हम करेंगे

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि कोरोना से हुई हर मौत हृदयविदारक है, लेकिन हमारा दुख हमें मानवता के प्रति सामूहिक तौर पर काम करने की याद दिलाता है। हम हथियारों के दम पर कोरोना के भावी वैरिएंट से नहीं निपट सकते। सामूहिक वैज्ञाानिक प्रयासों व राजनीतिक इच्छाशक्ति से हम इससे निपट सकते हैं।
वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के करना होंगे इंतजाम
संयुक्त राष्ट्र्र महासभा के 76 वें सत्र को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा कि विश्वभर में लोगों की जान बचाने के लिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है। लोगों तक इलाज पहुंचाना होगा। भविष्य के लिए हमें वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए नई वित्तीय व्यवस्था तैयार करना होगी।
हर चुनौती का सामना करेंगे, सैन्य विकल्प अंतिम उपाय
अफगानिस्तान के हालात का जिक्र करते हुए बाइडन ने कहा कि हमनेे वहां 20 साल से जारी संघर्ष को खत्म किया है। हमने यह युद्ध बंद कर दिया। कूटनीति के द्वार खोले हैं, भले चाहे जितनी चुनौतियां आएं, हम उनका सामना करेंगे। अमेरिका अपना श्रेष्ठतम देगा। इसके साथ ही बाइडन ने यह भी कहा कि अमेरिकी सैन्य शक्ति, हमारा पहला नहीं बल्कि अंतिम उपाय होगी।
अमेरिका अब ज्यादा ताकतवर
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका अब वही देश नहीं रहा जिस पर 20 साल पहले 9/11 को हमला हुआ था। आज हम ज़्यादा ताकतवर और आतंकवाद की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। पिछले महीने काबुल हवाई अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले में हमने 13 अमेरिकी हीरो और कई अफगान नागरिकों को खो दिया। जो लोग हमारे खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, वे अमेरिका को एक कट्टर दुश्मन के रूप में पाएंगे।
बाइडन ने यह भी कहा कि हम एक और शीत युद्ध नहीं चाहते, जिसमें दुनिया विभाजित हो। अमेरिका किसी भी राष्ट्र के साथ काम करने के लिए तैयार है जो शांतिपूर्ण प्रस्तावों का अनुसरण करता हो। क्योंकि हम सभी अपनी असफलताओं के परिणाम भुगत चुके हैं। हमारी सुरक्षा, समृद्धि, स्वतंत्रता आपस में जुड़ी हुई है। हमें पहले की तरह एक साथ काम करना चाहिए।

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