PM मोदी से मिलने को बेकरार दिखे अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, Video में देखें भारत की ताकत
एक मिनट फोन पर बात करने के लिए मिन्नते करते करते थक गए, लेकिन उन्हें अमेरिका ने भाव तक नहीं दिया.
इन दिनों दुनियाभर के तमाम नेता जर्मनी में इकट्ठे हुए हैं. इस दौरान सभी नेताओं की एक दूसरे से मुलाकात हुई. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और नरेंद्र मोदी की मुलाकात की ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा.
मोदी को ढूंढती बाइडन की निगाहें
वीडियो में दिखाई देता है कि प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के पीएम से मिल रहे थे. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की निगाहें भारतीय PM नरेंद्र मोदी को ढूंढ रही थीं. ऐसे में बाइडन खुद चलकर पीछे की ओर से पीएम मोदी के पास आते हैं और उनके कंधे पर हाथ रखकर उनका ध्यान खींचते हैं.
दो दोस्तों की मुलाकात!
इसके बाद पीएम मोदी पीछे मुड़ते हैं और दोनों शीर्ष नेता गर्मजोशी से मिलते हैं. बाइडन को देखने के बाद मोदी एक सीढ़ी ऊपर चढ़कर जाते हैं और बाइडन के कंधे पर हाथ रखते हुए मिलते हैं. दोनों नेता हाथ मिला रहे थे और मुस्कुरा रहे थे. वीडियो को देखकर लगता है कि मानो कितने पुराने दोस्त मिले हों.
जर्मनी में शीर्ष नेताओं की मौजूदगी
आपको बता दें कि जर्मनी इस बार G7 देशों की अध्यक्षता कर रहा है. G-7 समूह दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है. इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है. इसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है. इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू सहित कई अन्य शीर्ष नेता मौजूद हैं.
दुनिया में बढ़ता भारत का कद
सोशल मीडिया पर यह वीडियो जमकर शेयर किया जा रहा है. लोगों लिख रहे हैं कि यह भारत के बढ़ते कद का प्रतीक है. चाहे बात रूस-यूक्रेन युद्ध की हो, कोविड महामारी की या अन्य कोई भी अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा रहा हो भारत ने तमाम जगहों पर अपना अलग पक्ष रखा. भारत की अनोखी छवि भी एक बड़ा कारण है जिस वजह से बाइडन पीएम मोदी को इतना महत्व देते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने कार्यकाल के दौरान बाइडन से एक मिनट फोन पर बात करने के लिए मिन्नते करते करते थक गए, लेकिन उन्हें अमेरिका ने भाव तक नहीं दिया.