अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का एलान, 11 सिंतबर तक अफगानिस्तान से सैनिकों की पूरी तरह करेंगे वापसी
अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: वाशिंगटन, अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे युद्ध में अमेरिका ने 11 सितंबर तक सभी सैनिकों की पूरी तरह वापसी का निर्णय लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह घोषणा की। बाइडन ने कहा कि हजारों सैनिकों को केवल एक देश की सुरक्षा पर केंद्रित करना और अरबों डॉलर खर्च करना सही निर्णय नहीं है। उन्होंने विशेषतौर पर पाकिस्तान और रूस, चीन, भारत और तुर्की से अपील की वे अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में मदद करें।
व्हाइट हाउस के ट्रीटी रूम से पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने देश को अक्टूबर 2001 में पहली बार अफगानिस्तान में अलकायदा के ट्रेनिंग कैंपों पर हमला करने की जानकारी दी थी। उसी स्थान ने बाइडन ने सेना वापसी का एलान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है कि जब इस युद्ध को समाप्त कर दिया जाए। अफगानिस्तान में वर्तमान में ढाई से तीन हजार अमेरिकी सैनिक हैं। संबोधन के तुरंत बाद बाइ़डन अरलिंगटन के कब्रिस्तान पहुंचे, यहां उन्होंने अफगानिस्तान में मारे गए सैनिकों के प्रति शोक व्यक्त किया। सेना वापसी का निर्णय लेने से पहले उनकी दो पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा से भी बात हुई।
तालिबान से 14 महीने में लौटने का था समझौता
अफगानिस्तान की हिंसा में अमेरिका के अब तक 2450 सैनिक मारे गए हैं और 20 हजार से ज्यादा घायल हुए। कतर के दोहा में तालिबान ने अमेरिका से चौदह माह में सेना के वापस लौटने का समझौता किया था।
ब्लिंकन अफगानिस्तान पहुंचे
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन राष्ट्रपति की सेना वापसी की घोषणा के बाद तुरंत काबुल पहुंच गए। ब्लिंकन ने राष्ट्रपति अशरफ गनी और मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला से वार्ता की। इससे पहले उनकी ब्रुसेल्स में नाटो देशों से बात हुई। नाटो देश के सात हजार से ज्यादा सैनिक वर्तमान में तैनात हैं। ब्लिंकन ने अफगानी नेताओं से कहा सेना की वापसी का मतलब अफगान-अमेरिका संबंध समाप्त होना नहीं है।