अमेरिकी अधिकारी का दावा: चीन के आक्रामक रवैये को रोक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायी शांति लाएगा क्वॉड
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को रोकते हुए नियमों के मुताबिक शांति स्थापित की जाएगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को रोकते हुए नियमों के मुताबिक शांति स्थापित की जाएगी। चार देशों का समूह क्वॉड इसके लिए महत्वपूर्ण पहल करेगा। भारत-अमेरिका के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली टू-प्लस-टू वार्ता से पहले ट्रंप प्रशासन ने यह बात कही है।
संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह 27 और 28 अक्टूबर को होने वाली वार्ता में इस संबंध में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर निर्णय लिए जाएंगे। इस वार्ता के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री एस्पर भारत आ रहे हैं। यहां के बाद वे मालदीव और श्रीलंका भी जाएंगे।
अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा कि 2017 से ही अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत ने शांति प्रयासों के लिये प्रस्ताव तैयार किया था। चीन की आक्रामकता को देखते हुए इस पर अब तेजी से कार्य किया जा रहा है। क्वॉड समूह में शामिल ये देश आपसी स्वार्थ के लिए नहीं वरन चीन के मनमाने रवैये को रोकने और स्थायी शांति के लिए काम कर रहे हैं। कोई देश इन प्रयासों में ईमानदारी से शामिल होना चाहता है, उसका भी स्वागत है।
क्वाड समूह के देशों में जापान (Japan), भारत (India), ऑस्ट्रेलिया (Australia) और अमेरिका है। यह कोई गठबंधन नहीं बल्कि देशों का समूह है। इन सभी देशों की रुचि एक है। 2017 में इन चार देशों ने लंबित प्रस्ताव को रूप देकर क्वाड (Quad) का गठन किया ताकि हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार पर लगाम लगाया जा सके। अमेरिका और भारत दो बड़े लोकतांत्रिक देश हैं और दोनों ही चीन की विस्तारवादी नीतियों पर रोक लगाने के लिए काम कर रहे हैं। चीन के इसी आक्रामक रवैये का वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन्स, ब्रूनेई और ताइवान भी विरोध कर रहे हैं। क्वाड समूह में शामिल चारों देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक वर्ष 2019 में न्यूयार्क शहर में हुई।