ताइवान के पास से गुजरा अमेरिकी नौसेना का युद्धपोत, आगबबूला हुआ ड्रैगन
बीजिंग ने इस कदम को उकसावे वाला करार दिया और अमेरिका को क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया
अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों के ताइवान के पास से गुजरने पर चीन भड़क गया है। बीजिंग ने इस कदम को उकसावे वाला करार दिया और अमेरिका को क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया। अमेरिका के दो युद्धपोत शुक्रवार को ताइवान स्ट्रेट से होकर गुजरे थे। इनमें से एक अमेरिकी नौसेना का युद्धपोत यूएसएस किड और दूसरा तटरक्षक बल का पोत मुनरो बताया गया। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि उसके पोत ताइवान स्ट्रेट में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र से गुजरे।
चीन द्वीपीय क्षेत्र ताइवान को अपना मानता है
बता दें कि चीन द्वीपीय क्षेत्र ताइवान को अपना मानता है। वह इस क्षेत्र पर बलपूर्वक कब्जा करने की धमकी भी दे चुका है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा, 'हम कड़ा विरोध और कड़ी निंदा करते हैं।' मंत्रालय ने कहा कि 160 किलोमीटर में फैले ताइवान स्ट्रेट की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए अमेरिका सबसे बड़ा खतरा है।
हाल ही में अमेरिकी ने ताइवान के समीप किया था सैन्य अभ्यास
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के इस तरह के कदमों को चीन अपने लिए चुनौती मानता है। उसने हाल ही में ताइवान के समीप सैन्य अभ्यास किया था। हाल के वर्षो में अमेरिका ने ताइवान के साथ कई बड़े रक्षा करार किए हैं। इससे भी चीन नाराज है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा था कि चीन तालिबान की तरह ही उनके देश पर कब्जा करना चाहता है। चीन लंबे समय से ताइवान पर दावा करते हुए इस पर कब्जे का मन बनाए हुए है। अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान की सरकार के तेजी से हुए पतन के बाद ताइवान में इसी तरह से चीन के कब्जा करने की मंशा को लेकर बहस छिड़ गई है। चीनी मीडिया इस बात को हवा दे रहा है कि काबुल का हश्र यह बताने के लिए पर्याप्त है कि ताइवान अब अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकता है।