अमेरिका की नौसेना ने चीन और रूस से तनाव के बीच हाइपरसोनिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण
एक सूत्र ने फाइनेंशल टाइम्स से बातचीत में कहा कि इस मिसाइल ने 'फिजिक्स के नियमों को बदल दिया है।' इस तरह की तकनीक अमेरिका के पास भी नहीं है।
अमेरिका ने चीन और रूस को करारा जवाब देते हुए आधुनिक ब्रह्मास्त्र कहे जाने वाले हाइपरसोनिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। अमेरिकी नौसेना ने गुरुवार को बताया कि इस नई मिसाइल का परीक्षण नासा के वर्जीनिया स्थित वल्लोप्स केंद्र में किया गया है। उसने कहा कि यह सफल परीक्षण नौसेना के लिए हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास की दिशा में बड़ा कदम है।
अमेरिकी नौसेना ने अपने बयान में कहा कि यह टेस्ट बताता है कि अत्याधुनिक हाइपरसोनिक तकनीक, क्षमता और प्रोटोटाइप सिस्टम बनाने में हम सक्षम हैं। हाइपरसोनिक मिसाइल अन्य मिसाइलों की तरह से होती हैं लेकिन वे ध्वनि की 5 गुना ज्यादा रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम हैं। यही नहीं हाइपरसोनिक मिसाइलें हवा में ही तेजी से अपना रास्ता बदलने में सक्षम हैं। यही नहीं वायुमंडल में ये मिसाइलें बहुत नीचे से उड़ान भरती हैं जिससे उन्हें डिटेक्ट करना आसान नहीं होता है।
अमेरिका तेजी से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा
इस बीच अमेरिका ने चीन के परमाणु क्षमता से लैस हाइपरसोनिक मिसाइल के अंतरिक्ष से परीक्षण पर गहरी चिंता जताई है। अमेरिका ने कहा कि चीन हाइपरसोनिक मोर्चे पर जो कर रहा है, उससे हम बहुत चिंतित हैं। इस बीच चीन का दावा है कि यह परीक्षण सामान्य श्रेणी का था और यह एक विमान था न कि कोई मिसाइल। हाइपरसोनिक मोर्चे पर चीन और रूस से पिछड़ने के बाद अब अमेरिका तेजी से इस तकनीक पर काम कर रहा है।
चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल को किसी भी तरीके से रोका नहीं जा सकता है। अभी यह क्षमता अमेरिका के पास भी नहीं है। अमेरिका अभी हाइपरसोनिक मिसाइल बना रहा है जबकि चीन इसे अंतरिक्ष में तैनात करने की तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि चीन ने यह नया मिसाइल परीक्षण 13 अगस्त को किया था। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरे परीक्षण में भी चीन ने 'हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल' का इस्तेमाल किया। इसे चीन ने लॉन्ग मार्च रॉकेट से जुलाई में अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल ने धरती का चक्कर लगाया और फिर तयशुदा स्थान पर ध्वनि की गुना ज्यादा रफ्तार से हमला किया।
'स्पेसक्राफ्ट में एक परमाणु बम लगाया जा सकता है'
उधर, विशेषज्ञ चीन के परीक्षण से दहशत में हैं और उनका मानना है कि इस स्पेसक्राफ्ट में एक परमाणु बम लगाया जा सकता है जो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी गच्चा देने में सक्षम है। यहां तक कि सरकारी वैज्ञानिक भी यह पता लगाने के लिए जूझ रहे हैं कि चीनी अंतरिक्ष विमान की क्षमता क्या है। एक सूत्र ने फाइनेंशल टाइम्स से बातचीत में कहा कि इस मिसाइल ने 'फिजिक्स के नियमों को बदल दिया है।' इस तरह की तकनीक अमेरिका के पास भी नहीं है।