अमेरिकी सांसद: तालिबान, चीन को रोकने के लिए अमेरिका को भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने होंगे
उन्होंने कहा कि ऐसे में अमेरिका को भारत की मदद करनी चाहिए।
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के एक सांसद ने सोमवार को कहा कि चीन और तालिबान को रोकने के लिए अमेरिका को भारत के साथ अपने संबंध मजबूत करने होंगे। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर आए थे और उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बैठक की थी। वह क्वाड शिखर सम्मेलन में भी शामिल हुए थे। सांसद ने इसी की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की।
सांसद मार्क ग्रीन ने मीडिया प्रतिष्ठान रियल क्लियर डिफेंस के एक लेख में लिखा, ''भारत के साथ रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में हमारा पहला कदम भारत को आवश्यक सैन्य उपकरण मुहैया करवाना होना चाहिए ताकि चीन और अब अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ संतुलन बनाया जा सके।'' ग्रीन ने कहा, ''चीन के उभार से निबटने के लिए अमेरिका को भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी मजबूत करनी चाहिए।'' सांसद ने कहा कि 2017 में चतुष्पक्षीय सुरक्षा वार्ता (क्वाड) के बाद से अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते संबंधों से वह उत्साहित हैं और उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति बाइडन की हिंद-प्रशांत रणनीति के केंद्र में हमेशा भारत ही रहेगा।
उन्होंने लिखा, ''भारत की रक्षा प्रणाली को उन्नत करने में मदद देकर अमेरिका उसे इतना सशक्त बना सकता है कि वह अपनी रक्षा करने के साथ-साथ हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र की भी सुरक्षा कर सके। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है।''
सांसद ने कहा कि बीते 15 वर्ष में अमेरिका और भारत के बीच 20 अरब डॉलर के रक्षा सौदे हुए हैं लेकिन अब यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से लौटने के बाद तालिबान को 80 अरब डॉलर से अधिक के अमेरिकी सैन्य उपकरण मिल चुके हैं। इसके अलावा चीन बीते दो दशक से अपनी सेना का निरंतर आधुनिकीकरण कर रहा है और विश्व में सबसे बड़ी नौसेना अब उसके पास है। उन्होंने कहा कि ऐसे में अमेरिका को भारत की मदद करनी चाहिए।