अमेरिका: डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इराक की अदालत ने जारी किया गिरफ्तारी वॉरंट

अमेरिकी संसद पर समर्थकों की हिंसा से घिरे डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं।

Update: 2021-01-07 14:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :  वॉशिंगटन: अमेरिकी संसद पर समर्थकों की हिंसा से घिरे डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं। एक तरफ अमेरिका के सांसद उनके बचे हुए कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही पद से उतारने के लिए लामबंद हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इराक की अदालत ने भी पिछले साल एक ईरानी जनरल और एक प्रभावशाली इराकी मिलिशिया नेता के मारे जाने के मामले में ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। बता दें कि ईरान भी इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ वॉरंट जारी कर चुका है। इतना ही नहीं, उसने तो बाकायदा इंटरपोल से गिरफ्तारी के लिए मदद भी मांगी है।

पिछले साल अमेरिकी हमले मे मारे गए थे सुलेमानी और मुहंदिस
इराकी अदालत के मीडिया कार्यालय ने कहा कि अमेरिका के ड्रोन हमले में जनरल कासिम सुलेमानी और अबू माहदी अल मुहंदिस के मारे जाने के मामले में बगदाद की जांच अदालत के न्यायाधीश ने वारंट जारी किया गया है। सुलेमानी और मुहंदिस पिछले साल जनवरी में बगदाद हवाईअड्डे के बाहर ड्रोन हमले में मारे गए थे जिससे अमेरिका और इराक के बीच राजनयिक संकट उत्पन्न हो गया था और दोनों के संबंधों में तल्खी आ गई थी।
ईरान ने ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से फिर मांगी मदद
ईरान ने अपने शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के एक साल बाद फिर अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरपोल से ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए मदद मांगी है। ईरान ने इंटरपोल से आग्रह किया है कि वह ट्रंप समेत 47 अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करे। ईरान ने इससे पहले जून में भी इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी, लेकिन तब उसकी यह अपील खारिज कर दी गई थी।
अंतरराष्ट्रीय अपराध कोर्ट जाने की तैयारी में ईरान
ईरान ने न्यायिक प्रवक्ता गुलाम हुसैन इस्माइली ने कहा कि रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति और पेंटागन के कमांडर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करना चाहिए। इसके लिए इंटरपोल से अपील की गई है। हम अपने कमांडर की हत्या में शामिल लोगों को सजा दिलवाने के लिए गंभीर हैं। ईरान ने इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध कोर्ट में अपील करने का फैसला किया है। इसके लिए 1000 पन्नों का चार्जशीट भी तैयार किया गया है।
क्या इराक से भी अमेरिका की होगी दुश्मनी
इराकी कोर्ट के फैसले के बाद यह कयास लगाए जाने लगा है कि अमेरिका पश्चिम एशिया के इस देश से अपना बोरिया बिस्तर समेट सकता है। बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास पर ईरान समर्थित मिलिशिया लगातार रॉकेट दाग रहे हैं। उधर अमेरिकी सैन्य अड्डे कैंप डेविड में भी सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अमेरिका को भारी-भरकम खर्च करना पड़ा रहा है। पिछले डेढ़ महीने में ही अमेरिकी दूतावास पर दो बार रॉकेट अटैक हो चुका है। ऐसे में अमेरिका इस देश से अपना पीछा छुड़ाना चाहेगा।


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