अमेरिका खुफिया रिपोर्ट का दावा, राष्ट्रपति चुनाव में व्लादिमीर पुतिन ने की ट्रंप की 'मदद'
इस बार जारी रिपोर्ट में चीन का जिक्र नहीं है. इसमें कहा गया है कि चीन ने नतीजों को प्रभावित करने का सोचा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.
अमेरिका (America) में पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव (President Election) को डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के पक्ष में करने के लिए रूस (Russia) और ईरान (Iran) ने प्रयास किया था. एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. हालांकि, वे इसमें कामयाब नहीं हो सके. रिपोर्ट में बताया गया है कि खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने ऐसा करने का आदेश दिया था. गौरतलब है कि 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी रूस पर नतीजों को प्रभावित करने का आरोप लग चुका है. ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) क्या कदम उठाते हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि क्रेमलिन (Kremlin) और ईरान ने चुनाव नतीजों को आकार देने का व्यापक प्रयास किया. लेकिन अंत में इस बात के कोई सबूत नहीं है कि किसी बाहरी कारण ने वोटों को प्रभावित किया या फिर मतदान प्रक्रिया बाधित हुई. नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक के कार्यालय से मंगलवार को जारी रिपोर्ट 2020 के चुनाव में विदेशी खतरों के सबसे विस्तृत मूल्यांकन की जानकारी देती है. इसमें ईरान द्वारा विश्वास मत को कम करना और ट्रंप के दोबारा चुने जाने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाना शामिल है. इसके अलावा मॉस्को द्वारा बाइडेन की बदनामी करना, ताकि ट्रंप को फायदा मिले भी शामिल है.
रिपोर्ट से राष्ट्रपति चुनाव की अखंडता की पुष्टि हुई
हालांकि, इतने खतरों के बाद भी खुफिया अधिकारियों ने ऐसा कोई संकेत नहीं पाया जिसकी मदद से किसी बाहरी ने मतदान प्रक्रिया के किसी भी तकनीकी पहलू को बदलने का प्रयास किया. मतदाता पंजीकरण, बैलेट कास्टिंग, वोट टेबुलेशन और नतीजों का ऐलान करने जैसी चीजों के साथ हस्तक्षेप नहीं किया गया. इस रिपोर्ट के जरिए एक बार फिर अमेरिकी चुनाव की अखंडता की आधिकारिक पुष्टि होती है. वहीं, ट्रंप समर्थकों के बार-बार दोहराया है कि इस चुनाव में हस्तक्षेप की गई. ऐसे में ये रिपोर्ट इस बात को भी खारिज करती है. कई कोर्ट्स और यहां तक कि ट्रंप के अपने न्याय विभाग ने खुद समर्थकों के व्यापक धोखाधड़ी के दावों का खंडन किया है.
कौन किसे दे रहा था समर्थन, इसका हुआ खुलासा
इस रिपोर्ट के जरिए एक बात को स्पष्ट हो गई है कि कौन सा विदेशी मुल्क किस उम्मीदवार को पसंद करता है. पिछले साल ये मुद्दा सुर्खियों में छाया रहा था. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि 2016 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने में रूस का बड़ा हाथ था. वहीं, एक अन्य खुफिया रिपोर्ट में कहा गया कि चीन बाइडेन को राष्ट्रपति बनता हुआ देखना चाहता था. इस रिपोर्ट में भी कहा गया कि रूस ट्रंप को एक बार फिर राष्ट्रपति बनाने के लिए कोशिश कर रहा था. हालांकि, इस बार जारी रिपोर्ट में चीन का जिक्र नहीं है. इसमें कहा गया है कि चीन ने नतीजों को प्रभावित करने का सोचा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.