अमेरिकी संस्था की रिपोर्ट ने किया दावा- 'मेडिकल सुविधाओं के मामले में पुणे अव्वल'

भारत ने कोविड खत्म होने का गलत आकलन कर डाला, यही कारण है.

Update: 2021-05-12 17:43 GMT

'भारत ने कोविड खत्म होने का गलत आकलन कर डाला, यही कारण है जो वह आज इतनी बुरी दशा में है।' यह कहना है डॉ एंटनी फाउची का। फाउची अमेरिकी सीनेटर्स की एक कमेटी को संबोधित कर रहे थे। संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ फाउची अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार हैं।

उन्होंने कहा कि भारत पहली लहर में गलती कर मान बैठा कि महामारी निपट गई। लॉकडाउन ढीला कर दिया और लापरवाहियां की जाने लगीं। उसी के नतीजे में कोरोना की दूसरी लहर प्रलयंकारी हो गई है। कमेटी में बतौर अध्यक्ष भाग ले रहे सीनेटर पैटी मरे ने कहा कि भारत में कोविड महामारी यह बताती है कि हम कोविड को अमेरिका में तब तक खत्म नहीं कर सकते जब तक यह दुनिया में सब जगह खत्म न हो जाएगा। सीनेटर ने कहा कि भारत की स्थिति यह बताती है कि हमे चिकित्सा-स्वास्थ्य व्यवस्था का मजबूत ढांचा बनाना होगा ताकि भविष्य की महामारियों से ठीक से निपटा जा सके।उन्होंने डॉ फाउची से भी भारतीय महामारी से मिले सबक के बारे में बताने के लिए कहा। डॉ फाउची ने दोहराया कि हालात को कभी कमतर करके नहीं आंकने चाहिए। दूसरा सबक यह है कि भविष्य की महामारियों से मुकाबला करने के लिए अमेरिका को सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार मजबूत करनी होगी।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी जन-स्वास्थ्य व्यवस्था लगभग एक दशक से अव्यवस्थित रही है। तीसरा सबक यह कि वैश्विक महामारी के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया जरूरी है। हमें अपनी नहीं सब की चिंता करनी होगी। मुख्यतः वैक्सीनों के मामले में। बात यह है कि अगर वाइरस दुनिया में कहीं भी सक्रिय है तो हम भी खतरे में रहेंगे। यह बात वाइरस के नए वैरिएंट्स पर खासतौर पर लागू होती है। हम जानते हैं कि भारत में कहर मचाने वाला वाइरस एक नया वैरिएंट है।
सीनेटर मरे ने अंत में पुनः कहा कि भारत का मामला हमको आगाह करता है कि अगर वाइरस का प्रसार अनियंत्रित रहा तो वह म्यूटेट होकर कितना खतरनाक हो सकता है। हमे याद रखना होगा कि कोविड हमारे लिए तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कि यह सारी दुनिया से खत्म नहीं होता।
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