US Election Result 2020: जो बाइडेन के लिए बढ़ाई गई सुरक्षा, राष्ट्रपति ट्रंप के एजेंसी ने जिम्मा संभाला

अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा करने वाली एजेंसी सीक्रेट सर्विस ने जो बाइडेन के आसपास सुरक्षा घेरे को और कड़ा कर दिया है।

Update: 2020-11-07 06:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा करने वाली एजेंसी सीक्रेट सर्विस ने जो बाइडेन के आसपास सुरक्षा घेरे को और कड़ा कर दिया है। माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की निर्णायक बढ़त को देखते हुए सीक्रेट सर्विस ने यह फैसला लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, सीक्रेट सर्विस ने एजेंटों के एक अतिरिक्त दस्ते को डेलावेयर के विल्मिंगटन स्थित बाइडेन के प्रचार कार्यालय की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है।

चुनाव कार्यालय पर भी एजेंट तैनात

माना जा रहा है कि शुक्रवार से पहले ही जो बाइडेन अपने चुनाव कार्यालय से राष्ट्रपति चुनाव में जीत का ऐलान कर सकते हैं। ऐसे में किसी भी हिंसा से निपटने और भावी राष्ट्रपति की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा के स्तर को बढ़ाया गया है। वहीं, कार्यालय के आसपास स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है।

जुलाई से बाइडेन की सुरक्षा संभाल रही सीक्रेट सर्विस

जुलाई में जब डेमोक्रेटिक पार्टी ने जो बाइडेन को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था, तब से ही सीक्रेट सर्विस उनकी सुरक्षा में तैनात है। हालांकि, चुनाव प्रचार से लेकर जीत तक सीक्रेट सर्विस का घेरा थोड़ा ढीला होता है। जैसे ही प्रत्याशी की जीत की संभावना बढ़ जाती है वैसे ही सीक्रेट सर्विस अपनी सुरक्षा को बढ़ा देती है।

यह काम करती है सीक्रेट सर्विस

सीक्रेट सर्विस अमेरिका के राष्ट्रपति, वाइट हाउस, अमेरिकी उच्च सुरक्षा अधिकारियों और अमेरिका आने वाले हाई प्रोफाइल नेताओं की सुरक्षा करती है। यह एजेंसी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अंतर्गत काम करती है। जिसका प्रमुख काम गणमान्य लोगों की सुरक्षा करना होता है।

बाइडेन ने की धैर्य बनाए रखने की अपील

पूर्व उप राष्ट्रपति बाइडेन ने लोगों से मतगणना पूरी होने तक धैर्य बनाए रखने की भी अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि अगर केवल 'वैध मतों' की ही गिनती होती तो वह कांटे की टक्कर वाले राष्ट्रपति चुनाव में आसानी से जीत गए होते। वाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने संकेत दिया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का फैसला अंतत: उच्चतम न्यायालय में होगा क्योंकि उन्होंने चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ बड़े पैमाने पर वाद दाखिल करने की योजना बनाई है।

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