अमेरिकी डिप्टी NSA दलीप सिंह की चेतावनी, भारत ने किया करारा पलटवार

Update: 2022-04-01 05:20 GMT

नई दिल्ली: दो दिन के भारत दौरे पर आए अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह (Daleep Singh) ने भारत को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि रूस पर लगाए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले देशों को भी गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका नहीं चाहेगा कि भारत के ऊर्जा और दूसरी चीजों के आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़े.

अमेरिकी डिप्टी एनएसए यहीं नहीं रुके. उन्होंने ये भी कहा कि भारत को इस बात की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए कि अगर चीन ने कभी LAC पर उल्लंघन किया तो रूस उसके बचाव में आएगा. यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू करने के बाद रूस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को तय करने में दलीप सिंह की अहम भूमिका बताई जा रही है.
दलीप सिंह ने ये बयान ऐसे समय दिया, जब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) भी गुरुवार को दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे. अमेरिकी डिप्टी एनएसए के इस बयान पर अब तनातनी भी शुरू हो गई है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे सैयद अकबरूद्दीन (Syed Akbaruddin) ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर अमेरिकी डिप्टी एनएसए की आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'तो ये हमारा दोस्त है. ये कूटनीति की भाषा नहीं है. ये जबरदस्ती की भाषा है. कोई इस युवक को बताए कि एकतरफा दंडात्मक प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.'
अमेरिकी डिप्टी NSA ने क्या-क्या कहा?
- अमेरिका के डिप्टी NSA दलीप सिंह बुधवार को दो दिन के भारत दौरे पर आए थे. उन्होंने विदेश सचिव हर्ष वर्धन ऋंगला से मुलाकात की. इस दौरान दलीप सिंह ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहेगा कि कोई भी देश रूस के केंद्रीय बैंकों के साथ वित्तीय लेनदेन करे.
- दलीप सिंह ने कहा कि फिलहाल भारत का रूस से ऊर्जा (तेल-गैस) आयात करना किसी भी तरह से अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं है, लेकिन अमेरिका चाहेगा कि भारत 'गैरभरोसेमंद आपूर्तिकर्ता' पर अपनी निर्भरता कम करने के तरीके खोजे.
- उन्होंने कहा कि हम ऐसा मैकेनिज्म नहीं देखना चाहते, जो रूबल (रूसी मुद्रा) को आगे बढ़ाने या डॉलर आधारित फाइनेंशियल सिस्टम को कमजोर करने का काम करे.
चीन का नाम लेकर धमकाने की कोशिश!
- दलीप सिंह ने चीन का नाम लेकर भारत को धमकाने की कोशिश भी की. उन्होंने कहा कि रूस ने कहा था कि चीन उसका सबसे जरूरी रणनीतिक साझेदार है और इसका भारत पर प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस साझेदारी में रूस जूनियर पार्टनर है जो भारत के हितों के लिए हानिकारक है.
- उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात का भरोसा करेगा कि अगर चीन ने एक बार फिर LAC का उल्लंघन किया तो रूस भारत की रक्षा के लिए दौड़ा चला आएगा.
दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे रूसी विदेश मंत्री
- रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार को दिन के भारत दौरे पर पहुंचे. रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस दौरे में लावरोव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) से मुलाकात करेंगे. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जो मीडिया एडवाइजरी जारी की गई है, उसमें पीएम मोदी से मुलाकात का जिक्र नहीं है.
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस दौरे में रूसी विदेश मंत्री लावरोव भारत को डिस्काउंट में तेल और रूपये-रूबल में कारोबार को लेकर बात कर सकते हैं. इसके साथ ही S-400 डील को लेकर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है.
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