अमेरिका रक्षामंत्री ऑस्टिन बोले- रूस के साजो-सामान में निवेश जारी रखना भारतीय हित में नहीं
अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सांसदों से कहा कि रूस के सैन्य उपकरणों में निवेश जारी रखना भारत के हित में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका चाहता है कि नई दिल्ली रूसी सैन्य उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करे।
अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सांसदों से कहा कि रूस के सैन्य उपकरणों में निवेश जारी रखना भारत के हित में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका चाहता है कि नई दिल्ली रूसी सैन्य उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करे।
ऑस्टिन ने वार्षिक रक्षा बजट पर अमेरिकी कांग्रेस की कार्यवाही के दौरान सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया, हम भारत के साथ बात करके उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि रूसी उपकरणों में निवेश जारी रखना उनके हित में नहीं है। हम चाहते हैं कि वे सभी प्रकार के रूसी उपकरणों में निवेश कम करें।
ऑस्टिन ने कांग्रेस सदस्य जो विल्सन के एक सवाल के जवाब में यह बात कही। विल्सन ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर भारत की प्रतिक्रिया की आलोचना की थी। बता दें, भारत ने यूक्रेन मुद्दे पर तटस्थ रुख अपनाते हुए बूका में हुई मौतों की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
रूस को लेकर अमेरिकी सलाह पर नहीं चलेगा भारत : अमेरिकी फर्म
अमेरिका की एक प्रमुख वैश्विक रणनीति और वाणिज्यिक कूटनीति फर्म ने कहा है कि भारत, रूस से रक्षा व ऊर्जा खरीद के विकल्प पर अमेरिकी सलाह का पालन नहीं करेगा। भारत पर एक रिपोर्ट में, प्रतिष्ठित अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप (एएसजी) ने कहा कि उसने इसमें शामिल अधिकारियों से सुना है कि रूस के प्रति भारत के निष्पक्ष दृष्टिकोण से वे निराशा हैं। रिपोर्ट में लिखा गया है कि अमेरिकी सांसदों ने मॉस्को के साथ दिल्ली के रिश्तों पर चिंता जताई है।
एलएसी के संदर्भ में दलीप सिंह की टिप्पणी अनुचित : भारतवंशी नेता
भारतीय-अमेरिकी फोरम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. संपत शिवांगी ने कहा है कि अमेरिकी सलाहकार दलीप सिंह ने हाल ही में उनके नई दिल्ली दौरे पर भारत को एलएसी के संदर्भ में जो टिप्पणी की वह सही नहीं थी। दलीप ने कहा था कि भारत यह उम्मीद न रखे कि एलएसी पर कुछ होने की स्थिति में रूस उसके बचाव में आएगा। डॉ. शिवांगी ने उम्मीद जताई कि इस टिप्पणी से भारत-अमेरिकी रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।