अमेरिका ने किया दावा...रूस ने ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल की टेस्ट, फिर से अंतरिक्ष में हथियार बढ़ाने का आरोप

अमेरिका और रूस के बीच सैन्य ताकत का टकराव अंतरिक्ष तक फैला हुआ है।

Update: 2020-12-16 16:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक : वॉशिंगटन |   अमेरिका और रूस के बीच सैन्य ताकत का टकराव अंतरिक्ष तक फैला हुआ है। इसी कड़ी में अमेरिकी स्पेस कमांड ने दावा किया है कि रूस ने ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल टेस्ट किया है। इसके साथ ही अमेरिका ने आरोप जड़ दिया है कि रूस अंतरिक्ष में हथियार बढ़ा रहा है। इससे एक दिन पहले ही आर्म्स कंट्रोल पर रक्षा और गृह विभाग ने चर्चा की थी।

गौरतलब है कि अमेरिका-रूस आर्म्स कंट्रोल ट्रीटी के खत्म होने में कुछ ही महीने बाकी हैं और मॉस्को और वॉशिंगटन ने इस समझौते के विस्तार पर चर्चा की है लेकिन अभी मतभेद बरकरार हैं। अमेरिकी स्पेस कमांड ने दावा किया है कि वह अमेरिका और अपने सहयोगियों के हितों की अंतरिक्ष में आक्रामकता से सुरक्षा करेगा।


पहले भी आए आमने-सामने

इससे पहले अमेरिका के स्पेस कमांड ने अप्रैल में भी दावा किया था कि रूस ने ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल टेस्ट की थी। वहीं, जुलाई में रूस ने अमेरिका और ब्रिटेन के दावों को खारिज किया था। उलटा रूस ने आरोप लगाया था कि खुद अमेरिका अंतरिक्ष में हथियार तैनात करना चाहता है। रूस ने बताया था कि उसने जो परीक्षण किया था उससे स्पेस में किसी तरह के मलबे की वजह से खतरा पैदा नहीं हुआ था। अमेरिका ने भी माना था कि उसने किसी मलबे को ट्रैक नहीं किया है।

जमीन पर भी तनाव

New START समझौता 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तत्कालानी रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदव के बीच किया गया था। New START समझौते के तहत दोनों देशों को सिर्फ 1,550 परमाणु हथियार तैनात करने और 700 मिसाइलें और बमवर्षक विमान तैनात करने की इजाजत है। दोनों देशों के 1987 इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी से बाहर होने के बाद, सिर्फ New START ही ऐसा समझौता है जो दोनों देशों के बीच कायम है। एक्सपर्ट्स को चिंता है कि अगर यह भी खत्म हो गया तो न सिर्फ दोनों देशों की सेनाओं के अनियंत्रित होने का खतरा होगा बल्कि वैश्विक स्थिरता भी खतरे में आ जाएगी।


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