प्रशांत महासागर में नई मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात करेगा अमेरिका, चीन-रूस की हेकड़ी होगी गुम

अमेरिका के पास 3,800 से ज्यादा परमाणु बम और मिसाइलें हैं।

Update: 2021-03-22 07:42 GMT

चीन और रूस से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने प्रशांत महासागर और दक्षिण चीन सागर में सैकड़ों अटैक और इंटरसेप्टर मिसाइ की तैनाती का फैसला किया है। पेंटागन ने हिंद-प्रशांत सुरक्षा कानून के तहत एकीकृत एयर एंड मिसाइल सुरक्षा प्रणाली की स्थापना के लिए लगभग 9.8 करोड़ डॉलर के बजट को मंजूरी देने का संसद से अनुरोध किया है। इस रक्षा प्रणाली के जरिए अमेरिका रूस और चीन पर एक साथ निगाह रख सकेगा।

अमेरिकी नौसेना के हिंद-प्रशांत के मुखिया एडमिरल फिलिप एस डेविडसन ने कुछ दिन पहले ही अमेरिकी कांग्रेस यानी संसद की रक्षा मामलों की कमेटी के सामने चीन और रूस से बढ़ते खतरों से निपटने के लिए मिसाइल अड्डा बनाने के लिए मंजूरी देने का अनुरोध किया था। इस योजना के तहत गुआम में एकीकृत रक्षा प्रणाली बनाई जाएगी।

यह प्रणाली 500 किमी दूर से दुश्मन मिसाइल नष्ट कर सकेगी। इससे अमेरिका को अपनी रक्षा और जवाबी कार्रवाई के लिए समय मिल पाएगा। जापानी मीडिया निक्केई एशिया के मुताबिक, अमेरिकी जनरलों का मानना है कि हिंद-प्रशांत में सैन्य संतुलन बिगड़ने पर चीन बिना किसी बड़ी रक्षा क्षमता के भी अमेरिकी हितों को इस इलाके में नुकसान पहुंचा सकता है।
73 लाख करोड़ से महाविनाशक हथियार
अमेरिका ने अगली पीढ़ी के हथियारों पर भी काम शुरू कर दिया है। अमेरिकी वायुसेना 100 अरब डॉलर यानी करीब 73 लाख करोड़ रुपये से नया महाविनाशक हथियार खरीद रहा है। इस मिसाइल की ताकत जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से लगभग 20 गुना ज्यादा है।
यह मिसाइल अमेरिका से 10 हजार किमी की दूरी तय करके भी अपने अत्याधुनिक गाइडेड सिस्टम के कारण सटीक ढंग से निशाना लगाकर बीजिंग में तबाही मचाने की क्षमता रखती है। अमेरिकी वायुसेना ने ऐसी 600 मिसाइलें खरीदने की योजना बनाई है। इसी सिलसिले में हथियार निर्माता कपंनी नॉर्थोम्प ग्रुमन से मिसाइल संयंत्र के लिए 13.3 अरब डॉलर का शुरुआती करार किया गया है।
गुआम पर हमला कर सकता है चीन
एडमिरल डेविडसन ने कहा था कि गुआम नौसैनिक अड्डा चीन और रूस के निशाने पर है। पिछले साल चीन ने गुआम पर हमले का वीडियो जारी किया था। चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना तैयार कर ली है। चीन से निपटने की इस योजना के लिए रक्षा मंत्रालय ने करीब 35.5 अरब का बजट मांगा है।
2029 तक शामिल होगा यह हथियार
एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, हथियार का निर्माण साल 2029 तक होने की संभावना है। यह परमाणु मिसाइल मिनटमैन-3 मिसाइलों की जगह लेगी। इस अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल को जमीन के अंदर सुरक्षित ठिकानों में तैनात किया जाएगा। अमेरिका के पास 3,800 से ज्यादा परमाणु बम और मिसाइलें हैं।


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