अमेरिकी सेना ने पूरी तरह से छोड़ा अफगानिस्तान, काबुल में आतंकियों ने मनाया जोरदार जश्न
आखिरकार 20 साल के बाद अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया। आखिरी विमान अमेरिकी कमांडर, राजदूत को लेकर उड़ गया।
आखिरकार 20 साल के बाद अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया। आखिरी विमान अमेरिकी कमांडर, राजदूत को लेकर उड़ गया। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंटागन ने स्वीकार किया कि वह काबुल से उतने लोगों को नहीं निकाल सका, जितनी उम्मीद थी।
अमेरिकी फौज के जाने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया। खुशी में तालिबानियों ने हवाई फायरिंग की और जश्न मनाया।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने की अपनी फौज की तारीफ
सेना वापसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बयान भी आया। उन्होंने कहा कि अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति समाप्त हो गई है। मैं अपने कमांडरों को अफगानिस्तान में खतरनाक जगहों पर अपनी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। आगे कहा कि जैसा कि 31 अगस्त, काबुल समय की सुबह के समय में निर्धारित किया गया था और इस मिशन में और किसी सैनिक की जान नहीं गई।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पिछले 17 दिनों में हमारे सैनिकों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े एयरलिफ्ट को अंजाम दिया है। करीब 120,000 से अधिक अमेरिकी नागरिकों, हमारे सहयोगियों और संयुक्त राज्य अमेरिका के अफगान सहयोगियों को निकाला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अफगानिस्तान को लेकर प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रस्ताव एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान से आगे बढ़ने पर क्या उम्मीद करता है, विशेष रूप से यात्रा की स्वतंत्रता।
यूएस जनरल केनेथ एफ मैकेंजी ने कहा किमैं अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के पूरा होने और अमेरिकी नागरिकों और अफगानों को निकालने के लिए सैन्य मिशन की समाप्ति की घोषणा करता हूं।