अमेरिका और ब्रिटेन ने दक्षिण सागर में तैनात किए 3 विमान वाहक पोत
ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है जबकि कई देश उसके साथ कूटनीतिक रिश्ते बना रहे हैं। इससे गुस्साया चीन लगातार ताइवानी हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेज रहा है।
ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है जबकि कई देश उसके साथ कूटनीतिक रिश्ते बना रहे हैं। इससे गुस्साया चीन लगातार ताइवानी हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेज रहा है। जंगी विमानों के इस प्रदर्शन के बाद बुधवार को फ्रांसीसी सीनेटरों का एक समूह पांच दिनी यात्रा पर ताइवान पहुंचा है। जबकि अमेरिका व ब्रिटेन ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन के पास अपने 3 विमान वाहक पोत तैनात कर दिए हैं।
ताइवान क्षेत्र में बढ़े तनाव के बीच फ्रांसीसी सीनेटर एलन रिचर्ड की अगुआई में एक समूह ताइवानी राष्ट्रपति साई इंग-वेन समेत देश के आर्थिक व स्वास्थ्य अधिकारियों और मुख्य भूमि मामलों की परिषद के साथ बैठक करेगा। फ्रांस के पूर्व रक्षामंत्री रिचर्ड इससे पहले 2015 व 2018 में ताइवान का आधिकारिक दौरा कर चुके हैं। उस वक्त फ्रांस में चीन के राजदूत लू शाय ने फरवरी में चेतावनी पत्र भेजकर रिचर्ड को दौरा रद्द करने के लिए कहा था।
चीन ने मौजूदा दौरे पर भी सख्त आपत्ति जताई है क्योंकि इससे यह संदेश जा रहा है कि ताइवान के स्व-शासित क्षेत्र है जहां जाने के लिए चीनी मंजूरी जरूरी नहीं। इस बीच, चीन द्वारा ताइवान हवाई क्षेत्र में चार दिन में सैकड़ों जंगी विमान भेजने के बाद ब्रिटेन और अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में 3 विमान वाहक पोत तैनात कर संदेश दिया है कि वे किसी भी हालात से निपटने को तैयार हैं।