US Afghanistan Mission: अमेरिका के सेना ने बताया कैसा था अफगानिस्तान में मिशन का अंतिम दिन

अफगानिस्तान में मिशन का अंतिम दिन

Update: 2021-09-02 12:35 GMT

US Army Mission in Afghanistan: अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी की प्रक्रिया 31 अगस्त को पूरी हो चुकी है. लेकिन इस मिशन के अंतिम दिन के मंजर अब भी अमेरिकी सेना के पायलटों और चालक दल के सदस्यों के जेहन में ताजा हैं. इस मिशन के तहत उड़ान भरने वाले अंतिम विमान के चालक दल के सदस्य बताते हैं कि उस दिन आकाश आतिशबाजी और छिटपुट गोलीबारी (Taliban in Afghanistan) से जगमगा रहा था और हवाई क्षेत्र हवाई जहाजों के मलबे और नष्ट किए गए उपकरणों से अटा पड़ा था.

अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के अंतिम दिन 31 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर पांच अंतिम सी-17 विमान (C-17 Planes of US) कतार में खड़े थे, जिनके जरिए अमेरिका को अमेरिकी और अफगान नागरिकों को देश से निकालना था. मिशन के अंतिम घंटो के दौरान रनवे पर इन विमानों की हिफाजत के लिए कोई रॉकेट रक्षा प्रणाली नहीं थी. साथ ही हवाई अड्डे के नियंत्रण केंद्र (एटीसी) पर इन विमानों को निर्देश देने वाला भी कोई नहीं था.
डरावनी फिल्म जैसा था नजारा
वायु सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल ब्रैडन कोलमैन उस मंजर को भयावह बताते हुए कहते हैं कि 'सर्वनाश जैसा मंजर' था. कोलमैन अपने विमान की सुरक्षा के प्रभारी थे (US Mission to Afghanistan). उन्होंने कहा, 'ऐसा लग रहा था, जैसे हम कोई डरावनी फिल्म देख रहे हों. जहां सारे विमान हवाई अड्डे पर नष्ट नजर आ रहे थे. एक विमान था जो पूरी तरह जला हुआ था.' काबुल हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले अमेरिकी वायुसेना के अंतिम विमान के चालक दल के सदस्यों ने बुधवार को एसोसिएटिड प्रेस को दिए साक्षात्कार में उस दिन के अपने अनुभवों को साझा किया.
लोगों ने विमान में चढ़ने की कोशिश की
पांच विमानों में सबसे अंत में उड़ान भरने वाले एमओओएसई81 विमान की पायलट एयरफोर्स कैप्टन किरबी वेडान ने कहा, 'मैं निश्चित रूप से बहुत तनाव में थी. हम बस यही चाह रहे थे कि सबकुछ ठीक रहे और हम उड़ान भरकर यहां से सही-सलामत रवाना हो जाएं.' उन्होंने कहा कि हमारे विमान हवाई अड्डे (Kabul Airport) के उस क्षेत्र में खड़े थे, जहां पर पहले हमला हुआ था. रात के समय एक बार आम नागरिकों का एक समूह वायु क्षेत्र में आकर विमान में चढ़ने की कोशिश करने लगा, लेकिन विमान की सुरक्षा में तैनात सैनिकों ने उन्हें रोक दिया.

आखिर में विमान में बैठे क्रिस डिनाहू
इलिनोइस में स्कॉट एयर फोर्स बेस से, एयर मोबिलिटी कमांड के कमांडर जनरल जैकलीन वैन ओवोस्ट इस मिशन की निगरानी कर रहे थे. वह हवाई अड्डे पर मौजूद अधिकारियों के संपर्क में थे (US Soldiers Experience in Afghanistan). अमेरिकी सेना के 82वें एयरबोर्न डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल क्रिस डिनाहू अंतिम सी-17 विमान में सवार होने वाले आखिरी सैनिक थे. वह निकासी मिशन के लिए सुरक्षा के प्रभारी थे. विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद उन्होंने संदेश भेजा, 'शाबाश, हमें आप सभी पर गर्व है.'
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