नूपुर शर्मा के बयान पर हर जगह हंगामा, भारत से की ये अपील

संबंधित निकायों द्वारा इन व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है.

Update: 2022-06-15 11:26 GMT

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर पर दिए कथित विवादित बयानों को लेकर अब भी देश में तनाव का माहौल बना हुआ है. कई राज्यों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. तमाम मुस्लिम देशों ने भी इन बयानों को लेकर भारत से आपत्ति जताई. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भारत से इन हिंसाओं को रोकने की अपील की है.

नूपुर शर्मा के बयान पर हर जगह हंगामा
नूपुर शर्मा के पैगंबर पर दिए कथित बयान को लेकर पूछे गए सवाल का संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने जवाब दिया है. उन्होंने भारत से अपील की है कि कथित धार्मिक मतभेदों और घृणा पर आधारित हिंसा की घटनाओं को रोकना चाहिए. उन्होंने किसी भी तरह की हिंसा को रोकने का आह्वान किया है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुतारेस ने धर्म के पूर्ण सम्मान की बात कही है.
हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा?
पैगंबर के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भारत में हुई हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र के रुख के बारे में पूछे जाने पर दुजारिक ने कहा कि हमारा रुख धर्म का पूर्ण सम्मान करना, किसी भी तरह के नफरती भाषण और उकसावे के खिलाफ बोलना और किसी भी प्रकार की हिंसा, विशेष रूप रूप से धार्मिक मतभेद और नफरत पर आधारित हिंसा को रोकना है.
भाजपा नूपुर शर्मा पर कर चुकी है कार्रवाई
पैगंबर पर कथित विवादित बयानों को लेकर भाजपा 5 जून को अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर चुकी है. इतना ही नहीं दिल्ली के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित भी किया जा चुका है. टिप्पणी पर मुस्लिम समूहों के विरोध के बीच, पार्टी ने अल्पसंख्यकों की चिंताओं को दूर करने और इन सदस्यों से खुद को दूर करने के उद्देश्य से एक बयान भी जारी किया. जिसमें कहा गया था कि भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है.
MEA जारी कर चुका है बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देता है. एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं. वे किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह कहा था कि संबंधित निकायों द्वारा इन व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है.

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