संयुक्त राष्ट्र: भारत ने अफगानिस्तान में आतंकी हिंसा का उठाया मुद्दा
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से अफगानिस्तान में तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा |
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से अफगानिस्तान में तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए तुरंत कदम उठाने को कहा है। भारत ने कहा, विश्व बिरादरी को अफगानिस्तान पर लगाए गए सभी कृत्रिम पारगमन अवरोधों को हटाने की दिशा में काम करना चाहिए। भारत ने कहा है कि शांतिवार्ता के बीच भी अफगानिस्तान में हिंसा जारी है।
यूएन में भारत के उप-स्थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू अफगानिस्तान पर एक प्रस्ताव के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोल रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अफगानिस्तान को पूरे पारगमन अधिकार नहीं मिलने के कारण भारत के साथ उसका व्यापार बाधित हो रहा है। इसके लिए विश्व समुदाय को अफगानिस्तान पर लगाए सभी कृत्रिम पारगमन अवरोध हटाने होंगे।
नायडू ने कहा, आतंकवाद के लिए सभी रूपों में शून्य सहिष्णुता जरूरी है। नायडू ने कहा, तालिबान और अन्य आतंकी गुटों द्वारा की जा रही हिंसा के चलते अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता एक बार फिर खतरे में पड़ गई है। इस पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शांति प्रक्रिया और हिंसा साथ-साथ नहीं चल सकती। हमें तत्काल व्यापक संघर्ष विराम के रास्ते तलाशने होंगे।
संयुक्त राष्ट्र का अफगानिस्तान शांतिवार्ता प्रस्ताव को समर्थन
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांतिवार्ता में प्रगति की सराहना संबंधी प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही, तालिबान, अलकायदा, आईएस और उससे संबद्ध समूहों द्वारा आतंकी हमलों को रोकने के लिए प्रयास तेज करने का भी आग्रह किया गया है।
महासभा के 193 सदस्यों में से प्रस्ताव को पक्ष में 130 वोट पड़े जबकि 59 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। रूस ने प्रस्ताव का विरोध किया जबकि चीन, पाकिस्तान और बेलारूस अनुपस्थित रहे। प्रस्ताव में क्षेत्र में लगातार जारी हिंसा की निंदा भी की गई है ।