अफगानिस्तान में UNICEF ने बच्चों के साथ हो रहे हमलों की श्रृंखला पर चिंता व्यक्त की

हम इस्लामिक अमीरात से लड़कियों के लिए स्कूलों को जल्द से जल्द फिर से खोलने के लिए कहते हैं।'

Update: 2022-04-25 04:00 GMT

महिलाएं और बच्चे देश में मानवीय संकट से जूझ रहे हैं। तालिबान के सत्ता में आने के करीब आठ महीने बीत चुके हैं, लेकिन देश अभी भी चारों ओर अशांति फैली हुई है। इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बच्चों के साथ हो रहे हमलों की श्रृंखला पर चिंता व्यक्त की है, जिसमें 50 से अधिक लड़कों और लड़कियों की मौत हो चुकी है, यूनिसेफ ने इसे अफगानिस्तान में 'गंभीर अधिकारों का उल्लंघन' बताया है।

यूनिसेफ के ग्लोबल कम्युनिकेशन एंड एडवोकेसी के निदेशक ने कहा
टोलो न्यूज ने यूनिसेफ के ग्लोबल कम्युनिकेशन एंड एडवोकेसी के निदेशक पालोमा एस्कुडेरो के हवाले से कहा, 'अकेले एक हफ्ते में, अफगानिस्तान में जघन्य गंभीर अधिकारों के उल्लंघन की एक श्रृंखला में 50 से अधिक लड़कियों और लड़कों ने अपनी जान गंवाई है।'
इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने अफगानिस्तान में छात्राओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने में देरी पर भी प्रकाश डालते और कहा, 'यह एक महीना हो गया है जब अफगानिस्तान के वास्तविक अधिकारियों ने किशोर लड़कियों को स्कूल लौटने से रोक दिया है।'
अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण के बाद से ही महिलाओं के साथ नाइंसाफी की जा रही है। दुनिया भर के कई देशों द्वारा अफगान में महिलाओं की शिक्षा के लिए अपील की गई। अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने पिछले महीने एक फरमान जारी करने के बाद कक्षा छह से ऊपर की लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी थी।
यूनिसेफ ने एक अफगान लकड़ी के हवाले से कहा
यूनिसेफ ने इसपर भारी चिंता व्यक्त करते हुए एक 16 वर्षीय मारिया के हवाले से कहा, 'स्कूल वापस जाना हमारा अधिकार है। हम अब यह दर्द नहीं सह सकते।' यूनिसेफ ने कहा, 'हम अफगानिस्तान में हर बच्चे के लिए शिक्षा का समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।'
तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने कहा
इस सबके बीच, तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि कक्षा 7-12 में लड़कियों के लिए स्कूल निकट भविष्य में फिर से खोले जाएंगे। तालिबान के प्रवक्ता अजीज अहमद रियान ने कहा, 'यूनिसेफ ने शिक्षकों को वेतन देने में शिक्षा मंत्रालय की मदद करने का वादा किया था। साथ ही, पैसा खातों में जाएगा जिससे फर्जी शिक्षकों के अस्तित्व को रोका जा सकेगा।'
वहीं अफगान के एक शिक्षक ओमरजादा ने कहा, 'लड़कियों को शिक्षा से वंचित करने और उनके स्कूलों को बंद करने से सरकार भी प्रभावित हुई है, क्योंकि यह स्कूलों को फिर से खोलने पर काम कर रही है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई समाधान नहीं मिला है। हम इस्लामिक अमीरात से लड़कियों के लिए स्कूलों को जल्द से जल्द फिर से खोलने के लिए कहते हैं।'

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