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अफ्रीका अलायंस फुटवियर डिस्ट्रीब्यूटर्स के डायरेक्टर महाराज से अगस्त 2015 में मुलाकात की थी।
दक्षिण अफ्रीका में रह रही महात्मा गांधी की पड़पोती फर्जीवाड़े के आरोप में जेल भेज दिया गया। 56 साल की आशीष लता रामगोबिन को डरबन की एक अदालत ने उन्हें 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई है। सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया जिसमें आशीष लता रामगोबिन को दोषी करार दिया गया।
खुद को कारोबारी बताने वाली लता ने स्थानीय कारोबारी से धोखे से 62 लाख रुपये हड़प लिए। धोखाधड़ी का शिकार हुए एसआर महाराज ने बताया कि लता ने उन्हें मुनाफ का लालच देकर उनसे पैसे लिए थे। लता पर बिजनसमैन एसआर महाराज को धोखा देने का आरोप लगा था। महाराज ने लता को एक कनसाइंमेंट के इम्पोर्ट और कस्टम क्लियर करने लिए 60 लाख रुपये दिए थेस लेकिन ऐसा कोई कनसाइंमेट था ही नहीं। लता ने वादा किया था कि वो इसके मुनाफे का हिस्सा एसआर महाराज को देंगी।
कारोबारी के साथ जालसाजी
लता रामगोबिन मशहूर मानवाधिकार इला गांधी और दिवंगत मेवा रामगोबिंद की बेटी हैं, लता को डरबन स्पेशलाइज्ड कमर्शियल क्राइम कोर्ट ने दोषी पाए जाने और सजा दोनों के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि लता रामगोबिन ने न्यू अफ्रीका अलायंस फुटवियर डिस्ट्रीब्यूटर्स के डायरेक्टर महाराज से अगस्त 2015 में मुलाकात की थी।