UNESCO और UNICEF ने कहा- अफगान लड़कियों के स्कूलों को बंद करना शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है

फोर ने कहा कि लड़कियों को पीछे नहीं रहना चाहिए और उन्होंने समस्या का समाधान करने का आह्वान किया।

Update: 2021-09-20 01:57 GMT

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कहा कि अफगान लड़कियों के स्कूलों को बंद करना शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यूनेस्को के महानिदेशक आंड्रे अजोले ने एक बयान में कहा कि अगर लड़कियों के स्कूल बंद रहते हैं, तो यह लड़कियों और महिलाओं के शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।

अजोले ने कहा, 'यूनेस्को ने चेतावनी दी है कि यदि लड़कियों स्कूल नहीं जाने दिया जाता है, तो इसके अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे। विशेष रूप से, माध्यमिक विद्यालय में लड़कियों की देरी से वापसी से उन्हें शिक्षा और जीवन में पीछे छूटने का जोखिम हो सकता है। यह शिक्षा से पूरी तरह से बाहर होने के जोखिम को बढ़ाता है और बाल विवाह का जोखिम बढ़ता है। यह लड़कों और लड़कियों के बीच सीखने की असमानताओं को और बढ़ा सकता है और अंततः उच्च शिक्षा और जीवन के अवसरों तक लड़कियों की पहुंच में बाधा उत्पन्न कर सकता है।'
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यूनेस्को और यूनिसेफ दोनों ने कहा कि अफगानिस्तान ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा में महत्वपूर्ण लाभ अर्जित किया है और उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। अजोले ने कहा कि शिक्षित लड़के और लड़कियां अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देंगे और उन्हें शिक्षा के अधिकारों का समान रूप से लाभ उठाना चाहिए।
इस बीच यूनिसेफ ने भी अफगान लड़कियों की शिक्षा पर अपनी चिंता व्यक्त की है। स्कूलों के धीरे-धीरे फिर से खुलने का स्वागत करते हुए यूनिसेफ प्रमुख हेनरीटा फोर ने एक बयान में कहा कि हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि इस समय कई लड़कियों को वापस जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। फोर ने कहा कि लड़कियों को पीछे नहीं रहना चाहिए और उन्होंने समस्या का समाधान करने का आह्वान किया।

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