UN की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा- भारत में आतंकी हमलों को अंजाम दे सकता है IS

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट भारत के कान खड़े करने वाली है।

Update: 2021-02-04 14:05 GMT

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट भारत के कान खड़े करने वाली है।इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस्लामिक स्टेट का नया प्रमुख शिहाब अल मुहाजिर है, इस पर भारत में आतंकी आपरेशन की जिम्मेदारी है। इसके पाकिस्तान में हक्कानी नेटवर्क से भी संबंध हैं। आतंकियों के इस गठजोड़ से भारत में भी आतंकी खतरे बढ़ रहे हैं। इस्लामिक स्टेट इन लेवांत-खुरासान (आइएसआइएल-के) पर जारी की गई 12 वीं रिपोर्ट के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने पूरी जानकारी दी है।


शिहाब अल मुहाजिर को सौंपी कमान

रिपोर्ट के अनुसार इस संगठन का नया प्रमुख शिहाब अल मुहाजिर को बनाया गया है। आइएसआइएल-के संगठन को इस्लामिक स्टेट के भी नाम से जाना जाता है। इसी पर भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव में आतंकवादी गतिविधियों की जिम्मेदारी है। इसके दो हजार से ज्यादा लड़ाके अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों में फैले हुए हैं।


अफगानिस्तान में आइएसआइएल-के आतंकी खेल रहे खूनी खेल

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार इसी संगठन के आतंकवादी अफगानिस्तान के प्रांतों में प्रमुख हिंसा की घटनाओं में शामिल हैं। संगठन ने मई में काबुल में एक अस्पताल में, अगस्त में जलालाबाद में, नवंबर में काबुल की यूनिवर्सिटी में हमला किया था। दिसंबर में इसी संगठन ने अफगानिस्तान के नानगहर में एक महिला पत्रकार की हत्या की थी।
आइएसआइ का मिला साथ

शिहाब को जून 2020 में इस संगठन का नया नेता चुना गया था। हक्कानी नेटवर्क पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ रहता है। ऐसी स्थिति में इस्लामिक स्टेट की भारत में गतिविधियां चिंता का विषय हो सकती हैं।

आतंकियों के हाथों में रासायनिक हथियारों के जाने की चेतावनी

वहीं समाचार एजेंसी आइएएनएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीरिया में आतंकवादियों के हाथों में रासायनिक हथियारों के पहुंचने की आशंकाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए भारत ने कहा है कि इससे बड़े स्तर पर विध्वंश के खतरे हो सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा कि सीरिया में दशकों से चल रहे संघर्ष का आंतकवादी संगठन फायदा उठा रहे हैं। इससे पूरे क्षेत्र में खतरे बढ़ रहे हैं। इस्लामिक स्टेट यहां पर अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहा है। ऐसे में रासायनिक हथियारों से लेकर अन्य किस्म के खतरे बढ़ रहे हैं।


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