यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने किया रूसी सेना पर जीत का दावा, जानें सच्चाई
अगर समझौते को मंजूरी नहीं दी जाती है तो यूक्रेन के बंदरगाहों पर मौजूद कई लाख टन अनाज के सड़ने का खतरा है.
यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelesnkyy) ने शुक्रवार को अपने दो संबोधनों में देश के पूर्वी हिस्से में हुई सबसे भीषण लड़ाई और यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना पर आखिरकार जीत दर्ज करने का ऐलान किया है.
'हमने तोड़ा मॉस्को का घमंड'
जेलेंस्की ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्टैनफोर्ड यूनीवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, 'यूक्रेन अकेला ऐसा देश है, जिसने रूसी सेना (Russian Army) की असाधारण ताकत के उस मिथक को तोड़ दिया है. जिसके बारे में माना जाता था कि वो कुछ ही दिनों में किसी को भी हरा सकती है. अब भले ही रूस हमारे पूरे देश पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हम यूक्रेन के भविष्य के बारे में सोचने के लिए काफी मजबूत स्थिति में हैं.'
राष्ट्र के नाम संबोधन
इस आयोजन के बाद में राष्ट्र के नाम दिए संदेश में जेलेंस्की ने दोनेत्स्क के पूर्वी शहर लाइमैन और लुगांस्क में यूक्रेन के नियंत्रण वाले आखिरी इलाकों में से एक सिविएरोदोनेत्स्क को घेरने तथा उस पर कब्जा करने के रूसी प्रयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'दोनेत्स्क क्षेत्र के इस शहर का बड़ा रेलवे हब और दो अन्य प्रमुख शहर अब भी यूक्रेन के नियंत्रण में हैं. अगर कब्जा करने वालों को ये लगता है कि लाइमैन या सिविएरोदोनेत्स्क उनके होंगे तो वे गलत हैं. डोनबास हमेशा यूक्रेन का ही रहेगा.'
इस बीच इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात करते हुए समर्थन का भरोसा दिया है. इससे पहले, द्राघी ने बृहस्पतिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बंदरगाहों को खोलने से संबंधित एक समझौते को लेकर बात की थी. उन्होंने पुतिन से कहा था कि अगर समझौते को मंजूरी नहीं दी जाती है तो यूक्रेन के बंदरगाहों पर मौजूद कई लाख टन अनाज के सड़ने का खतरा है.