यूक्रेन ने 7000 सैनिक और भेजे, जो बाइडन बोले- हमले का खतरा ज्यादा

यूक्रेन संकट में नया मोड़ आता दिख रहा है। यूक्रेन सीमा से सैन्य युद्धाभ्यास के बाद देश वापसी के रूसी दावे के बीच अमेरिका ने कहा कि रूस ने दाने के विरुद्ध सीमा पर 7,000 और बल तैनात किए हैं।

Update: 2022-02-18 01:01 GMT

यूक्रेन संकट में नया मोड़ आता दिख रहा है। यूक्रेन सीमा से सैन्य युद्धाभ्यास के बाद देश वापसी के रूसी दावे के बीच अमेरिका ने कहा कि रूस ने दाने के विरुद्ध सीमा पर 7,000 और बल तैनात किए हैं। जबकि रूस-यूक्रेन ने यूक्रेनी सीमावर्ती प्रांत लोहान्स्क में ग्रेनेड और मोर्टार से एक-दूसरे पर हमलों का दावा किया है। उधर, रूसी सैन्य वापसी पर संदेह के बीच नाटो ने अपनी सुरक्षा बढ़ा ली है।

यूक्रेन सरकार के नियंत्रण वाले क्षेत्र में रूस की गोलाबारी मिंस्क समझौते का जघन्य उल्लंघन: अमेरिका

यूक्रेन की राजधानी कीव में अमेरिकी दूतावास की ओर से गुरुवार को कहा गया है कि "रूस ने स्टैनित्सिया लोहान्स्क में गोलीबारी की गई है जो यूक्रेनी सरकार के नियंत्रण वाले क्षेत्र में डोनबास में आता है। इस हमले में एक किंडरगार्टन (नर्सरी स्कूल) को निशाना बनाया गया, जिसमें दो शिक्षक घायल हुए हैं और गांव की बिजली ठप हो गई है। यह हमला, कई अन्य मामलों के साथ, मिंस्क समझौतों का एक जघन्य रूसी उल्लंघन है।"

व्हाइट हाउस ने यहां तक कह दिया है कि रूस कोई भी मनगढ़ंत बहाना बनाकर किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है। बाइडन प्रशासन के अफसरों ने कहा, हम जानते हैं कि रूस के सैन्य वापसी के दावे झूठे हैं। यहां रूस के डेढ़ लाख सैनिक अब भी तैनात हैं जबकि 7,000 सैनिक और भेजे गए हैं। इस बीच, यूक्रेन सीमा पर रूस की बढ़ती ताकत को देखते हुए नाटो के सदस्य देशों ने पूर्वी यूरोप स्थित सदस्यों की सुरक्षा मजबूत करने के नए तरीके तलाशे हैं।

इसके तहत सदस्य देशों ने काला सागर क्षेत्र में सैन्य साजोसामान तत्काल भेजने की रणनीति बनाई। जबकि यूक्रेन के रूस से लगते प्रांत लोहान्स्क में बृहस्पतिवार को चार जगह ग्रेनेड-मोर्टार दागे गए। यूक्रेन का दावा है कि ये कार्रवाई विद्रोही रूस समर्थकों ने की है जबकि रूसी मीडिया ने इसे यूक्रेन सेना की हरकत बताया। स्वघोषित लोहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक अधिकारी ने इसे मिंस्क समझौते का उल्लंघन बताते हुए युद्धविराम का उल्लंघन बताया जबकि यूक्रेन ने कहा, यह रूस समर्थकों की कार्रवाई है जिसे सैन्य समर्थन मिला हुआ है।

जयशंकर आज से जर्मनी व फ्रांस के दौरे पर, सुरक्षा सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार से छह दिवसीय दौरे पर जर्मनी और फ्रांस जा रहे हैं। इस दौरान वह सुरक्षा पर एक अहम सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर मंत्री स्तरीय बैठक के अलावा दोनों देशों से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि जयशंकर म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होंगे। उम्मीद है कि इस सम्मेलन में यूक्रेन पर नाटो देशों और रूस में तनाव को लेकर गहन बातचीत होगी। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन के मसले पर यूरोपीय संघ के 27 देश भारत के साथ संपर्क में हैं।

रूसी आक्रमण का खतरा 'बहुत अधिक': बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि रूसी आक्रमण का खतरा "बहुत अधिक" है क्योंकि उन्होंने अपने किसी भी सैनिक को वापस नहीं बुलाया है। बाइडन ने कहा, "हमारे पास यह मानने का कारण है कि वे यूक्रेन पर हमला करने का बहाना बनाने के लिए एक झूठे ऑपरेशन में लगे हुए हैं।"

बाइडन ने कहा कि "हमें संकेत मिल रहे हैं कि रूस यूक्रेन के अंदर जाने के लिए और उस पर हमला करने के लिए तैयार है।" अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अभी भी 'राजनयिक मार्ग' खुले हैं। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या वह पुतिन को बुलाएंगे, बाइडन ने कहा, "पुतिन को बुलाने की मेरी कोई योजना नहीं है।"

युद्ध का ट्रिगर दबा सकते हैं पुतिन : ब्लिंकेन

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने एबीसी न्यूज से बात करते हुए कहा है कि रणनीतिक दस्ते यूक्रेन सीमा की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने बलों की वापसी का कोई संकेत नहीं देखा है। राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन युद्ध का ट्रिगर कभी भी दबा सकते हैं। वह इसे आज दबा सकते हैं, वह इसे कल दबा सकते हैं, वह इसे अगले सप्ताह दबा सकते है।

सैन्य तैनाती जारी

रूस द्वारा सैन्य वापसी के एलान के बावजूद यूक्रेन सीमा पर तनाव जारी है। अमेरिका ने अपने पांच हजार सैनिकों की पोलैंड व रोमानिया में तैनाती शुरू कर दी है। ब्रिटेन भी सैकड़ों की संख्या में सैनिकों को पोलैंड भेज रहा है एवं अतिरिक्त युद्धपोत और विमानों की पेशकश कर रहा हैं। जर्मनी, नीरदलैंड व नार्वे अतिरिक्त सैनिक लिथुआनिया भेज रहे हैं। हवाई सुरक्षा के लिए डेनमार्क और स्पेन लड़ाकू विमान मुहैया करा रहे हैं।

अमेरिकी उम्मीद : रूस ने हमला किया तो भारत देगा अमेरिका का साथ

अमेरिका ने कहा है कि भारत नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। उसने उम्मीद जताई कि यदि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो भारत निश्चित ही अमेरिका का साथ देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि हाल ही में मेलबर्न में हुई क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भारत के साथ रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई है।

उन्होंने कहा, हम जानते हैं हमारे भारतीय साझेदार नियम आधारित विश्व व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। इस व्यवस्था में अनेक नियम हैं, उनमें से एक यह है कि सैन्य बल के जरिये सीमाओं का पुनर्निर्धारण नहीं हो सकता। भारत व अन्य पड़ोसियों के विरुद्ध चीन के आक्रामक रुख का प्रत्यक्ष जिक्र करते हुए प्राइस ने कहा, बड़े देश छोटे देशों को परेशान नहीं कर सकते। किसी देश के लोग अपनी विदेश नीति, अपने साझेदार, गठबंधन सहयोगी आदि चुनने के हकदार हैं।

वेनेजुएला ने लिया रूस से सैन्य सहयोग का संकल्प

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने रूस के साथ शक्तिशाली सैन्य सहयोग का संकल्प लिया है। अधिकारियों के बीच बुधवार को हुई उच्च-स्तरीय चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। इससे एक दिन पहले अमेरिका तथा कई अन्य देशों ने वेनेजुएला में लंबे समय से चले आ रहे संकट का समाधान निकालने के लिए बातचीत की थी। मादुरो ने कहा, हमने शांति, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए रूस के साथ सैन्य सहयोग का रास्ता खोला है। उन्होंने कहा, हम दुनिया की एक सैन्य ताकत रूस के साथ मिलकर तैयारी, प्रशिक्षण और सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।

रूस-यूक्रेन संकट के बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री पोलैंड पहुंचे

रूस और यूक्रेन संकट के बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन गुरुवार को पोलैंड पहुंचे। उन्होंने ट्वीट किया, "अमेरिका पोलैंड के साथ गठबंधन और साझा मूल्यों की गहरी सराहना करता है, और मैं विशेष रूप से अमेरिकी सैनिकों की शानदार मेजबानी के लिए उनका आभारी हूं।"


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