नई दिल्ली: यूक्रेन में 26-27 फरवरी को एक सर्वे हुआ है. इसके मुताबिक, 70 फीसदी लोगों को लगता है कि जंग में यूक्रेन की जीत होगी. वहीं 91 फीसदी राष्ट्रपति जेलेंस्की को सपोर्ट कर रहे हैं. सर्वे के मुताबिक, यूक्रेन के लोगों में निराशावादी विचारों की कमी और सैन्य दल के प्रति भरोसा चरम पर है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर 193 सदस्यीय महासभा का एक आपातकालीन विशेष सत्र बुलाया है. यह सोमवार को आयोजित किया जाएगा. उधर, अमेरिका ने शुक्रवार को पहली बार यूक्रेन को स्टिंगर मिसाइलों की सीधी डिलीवरी करने को मंजूरी दी है. ये मिसाइलें व्हाइट हाउस द्वारा स्वीकृत सैन्य मदद के तहत दी जाएंगी.
न्यूज एजेंसी TASS के मुताबिक, यूक्रेन से लड़ाई के बीच रूस ने बड़ा ऐलान किया है. उसने विदेशी क्लांट्स पर रोक लगाई है, कहा गया है कि अब वह उनके (रूस से मुहैया) उपकरणों को नहीं बेच सकेगा.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की हत्या करने के लिए 400 हथियारबंद लड़ाके कीव में प्रवेश कर चुके हैं. ये भाड़े के लड़ाके क्रेमलिन के आदेश पर कीव में घुसे हैं और किसी भी कीमत पर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की हत्या करना चाहते हैं, ताकि कीव में रूस समर्थित सरकार बैठाई जा सके. ये सनसनीखेज दावा द टाइम्स पत्रिका ने किया है. खबरों के अनुसार वैगनर ग्रुप, राष्ट्रपति पुतिन के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक द्वारा संचालित एक निजी मिलिशिया है. पांच सप्ताह पहले अफ्रीका से भाड़े के इन सैनिकों ने रुपये पैसे के लालच में ज़ेलेंस्की की सरकार को नष्ट करने के मिशन पर उड़ान भरी थी. इनके मिशन की जानकारी यूक्रेन की सरकार को शनिवार की सुबह मिली है. इसके बाद यूक्रेन सरकार ने राष्ट्रपति की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है. इस मिशन की जानकारी मिलते ही यूक्रेन की सरकार ने राजधानी 36 घंटे का हार्ड कर्फ्यू लगा दिया गया है और नागरिकों से कहा गया है कि अगर कोई भी इस दौरान बाहर दिखा तो उसे गोली मारी जा सकती है.