यूक्रेन की सेना ने दावा करते हुए बताया कि उन्होंने रूस का ट्रांसपोर्ट मिलिट्री एयरक्राफ्ट मार गिराया है. दरअसल रूस ने जब से यूक्रेन पर चौतरफा हमला किया है, वहां पर स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. हालांकि अब बातचीत की पैरवी जरूर की जा रही है, लेकिन जमीन पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है. रूस की सेना लगातार हमले कर रही है. मिसाइलें दागी जा रही हैं, रॉकेट छोड़े जा रहे हैं और यूक्रेन के कई क्षेत्रों पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश हो रही है.
अब इस जंग का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन की उस आम जनता पर पड़ा है जो अपना ही घर छोड़ने को मजबूत हो गई है. यूएन की माने तो पिछले 48 के अंदर पचास हजार से ज्यादा यूक्रेक के नागरिकों ने अपने ही देश को छोड़ दिया है. अभी के लिए हर कोई सिर्फ अपनी जान बचाने के बारे में सोच रहा है. सड़कों पर लंबा जाम है, लोगों के बीच बेचैनी है और अपने परियजनों संग किसी सुरक्षित ठिकाने पर जाने की होड़ है. वैसे कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में पलायन थम सकता है क्योंकि अब दोनों रूस और यूक्रेन बातचीत की टेबल पर आ गए हैं. तारीख तय नहीं हुई है लेकिन जल्द ही बड़ा फैसला लिया जा सकता है. बताया गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच में बातचीत Belarus की राजधानी Minsk में की जा सकती है.
रूस की तरफ से ये प्रस्ताव यूक्रेन को भेज दिया गया है. रूस के इस प्रस्ताव के अलावा ब्रिटेन-अमेरिका ने भी साफ कर दिया है कि नाटों देशों को इस युद्ध में हिस्सा नहीं लेना चाहिए है. ऐसे में यूक्रेन एकदम अकेला है और उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं है. रूस की सेना लगातार हमले कर रही है, यूक्रेन के संसाधन खत्म हो रहे हैं, और लोगों का पलायन शुरू हो चुका है.
वर्तमान स्थिति की बात करें तो दोनों रूस और यूक्रेन की तरफ से बड़े दावे किए गए हैं. यूक्रेन ने दावा कर दिया है कि उसकी तरफ से रूस के कम से कम 1000 सैनिक मारे गए हैं, वहीं ये भी कहा गया है कि रूस के सभी लड़ाकू विमानों को ध्वस्त कर दिया गया है. दूसरी तरफ रूस के मुताबिक उसने राजधानी Kyiv के पास वाले Antonov एयरपोर्ट पर अपना कब्जा जमा लिया है. वहीं यूक्रेन को पश्चिम से काटने में भी सफलता मिल गई है.