यूक्रेन संकट: गोलियों का शिकार हुए भारतीय ने मांगी मदद

Update: 2022-03-04 12:49 GMT

हरजोत सिंह ने बताया कि वह गोलीबारी का शिकार 27 फरवरी को हुए थे। उन्होंने कहा कि हम तीन लोग एक कैब में थे और अपने तीसरे चेकप्वाइंट की ओर जा रहे थे। यहां पहुंचने पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हमें वापस लौटने के लिए कह दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि चेकप्वाइंट से वापस लौटते समय हम पर कई गोलियां चलाई गईं। मुझे गोलियां लगीं और मैं बेहोश हो गया और इसके बाद मुझे दो तारीख को अस्पताल में होश आया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मैं 3-4 घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा था। मेरा काफी खून बह गया था। अब मेरी तबीयत पहले से काफी अच्छी है।

हरजोत सिंह ने कहा, 'मौत के बाद अगर आप चार्टर्ड विमान भी भेज देंगे को उसका कोई फायदा नहीं होगा। भगवान ने मुझे दूसरा मौका दिया है और मैं इसे जीना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने दूतावास से अनुरोध किया है कि मुझे यहां से निकाला जाए, मुझे व्हीलचेयर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, दस्तावेजों के काम में मेरी मदद की जाए।' 

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